- सुहागरात ही क्यों होती है, सुहागदिन क्यों नहीं, जानिये मजेदार वजह - April 25, 2024
- फोन में दिखे ये 8 संकेत, तो समझ जाएं हो रही है आपके फोन की जासूसी! - April 25, 2024
- वंदे भारत ट्रेन पर पत्थर फेंकता बच्चा कैमरे में कैद, वीडियो देख भड़के लोग - April 25, 2024
नई दिल्ली. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं सालगिरह पर सुपर वासुकी स्पेशल फ्रेट ट्रेन चलाई. इस ट्रेन में 6 इंजन और 295 वैगन्स जिनमें करीब 27000 टन कोयला था. यह ट्रेन 3.5 किलोमीटर लंबी थी. यह ट्रेन छत्तीसगढ़ के कोरबा और नागपुर के राजनांदगांव के बीच चलाई गई थी. यह भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली अब तक की सबसे भारी और सबसे लंबी मालगाड़ी है.
दरअसल, इस मालगाड़ी को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम के तहत चलाया गया. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फर्राटे भरती इस ट्रेन की वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर की थी. उन्होंने इस ट्रेन के एक स्टेशन को पार करते समय का वीडियो शेयर किया है. ट्रेन को स्टेशन पार करने में करीब 4 मिनट का समय लगा था.
ट्रेन की कुछ खास बातें
295 वैगन्स वाली सुपर वासुकी दक्षिण मध्य रेलवे ने चलाया. इस ट्रेन ने गंतव्य तक पहुंचने में 11 घंटे 20 मिनट का समय लिया. इस अवधि में ट्रेन ने करीब 267 किलोमीटर की दूरी तय की. सुपर वासुकी द्वारा ले जाया गया कोयला एक पूरे दिन के लिए 3000 मेगावाट पावर प्लांट चलाने के लिए पर्याप्त रहा. यह पांच मालगाड़ियों को जोड़कर बनाई गई थी.
पहले भी चल चुकी हैं इस तरह की ट्रेनें
आपको बता दें कि इससे पहले भारतीय रेलवे ने 22 जनवरी 2021 को भी 5 मालगाड़ियों को मिलाकर एक ट्रेन चलाई थी जिसका नाम वासुकी था. हालांकि, तब यह ट्रेन खाली चलाई गई थी. जबकि इस बार ट्रेन को लोड के साथ चलाया गया है. इसके अलावा एनाकोंडा, सुपरएनाकोंडा और शेषनाग जैसी ट्रेनें भी चलाई गई हैं. जिन्हें 3-5 मालगाड़ियों को मिलाकर बनाया गया था.
क्या होता है इससे लाभ
एक साथ कई मालगाड़ियों को जोड़कर चलाने से कम स्टाफ की आवश्यकता होने के साथ रेलवे ट्रैक पर यातायात का दबाव भी कम हो जाता है. इससे एक साथ अधिक ढुलाई की जा सकती है और बिजली घरों तक समय पर अधिक कोयला पहुंचाया जा सकता है. साथ ही ट्रैक पर यातायात का दबाव कम होने से अन्य ट्रेनों की समयबद्धता में भी सुधार आ सकता है.