इंदौर मंदिर हादसा: हवन में 35 जिंदगियों की आहुति, इंदौर के मंदिर में तय था मौत का तांडव

Indore temple accident: 35 lives were sacrificed in Havan, orgy of death was fixed in the temple of Indore
Indore temple accident: 35 lives were sacrificed in Havan, orgy of death was fixed in the temple of Indore
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इंदौर: इंंदौर के बेलेश्वर मंदिर में रामनवमी पर बेहद दर्दनाक हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई तो डेढ़ दर्जन लोग अस्पताल में भर्ती हैं। मंदिर में बावड़ी की छत धंसने से हुए हादसे के बाद पहले तो माना गया कि जनहानि नहीं हुई है, लेकिन रेस्क्यू आगे बढ़ने के बाद लाशों के निकलने का सिलसिला शुरू हुआ तो पूरे शहर में मातम पसर गया। हालात इतने खराब थे कि आपदा बल के साथ सेना को मोर्चा संभालना पड़ा। सुबह तक बावड़ी से 35 लाशें निकल चुकी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुबह इंदौर पहुंचे और घायलों से मुलाकात के बाद घटनास्थल पर पहुंचे।

हादसे के वक्त मंदिर में चल रहा था हवन
गुरुवार को जिस वक्त हादसा हुआ मंदिर में हवन चल रहा था। रामनवमी के शुभअवसर पर हर साल की तरह मंदिर में खचाखच भक्त भरे हुए थे। मंत्रोच्चारण के बीच हवनकुंड में आहुति डाली जा रही थी। करीब 50 श्रद्धालु बावड़ी के ऊपर बने छत पर बैठकर हवन में शामिल थे। करीब 11:15 बजे अचानक यह छत धंस गई और दर्जनों लोग अंदर गिर गए। मंत्रोच्चारण की जगह मातम को शोर सुनाई देने लगा।

तय था हादसा, इन मौतों के लिए कौन जिम्मेदार?
मंदिर में हुई दर्दनाक घटना पहले से तय थी। जिस तरह यहां अवैध निर्माण किया गया था और लापरवाही बरती जा रही थी उसको देखते हुए इसे हादसा नहीं बल्कि हत्या कहना ठीक होगा। इंदौर के पटेल नगर स्थित मंदिर में प्राचीन बावड़ी को लोहे के सरिए बिछाकर फर्श बना दिया गया था। मंदिर में जगह बढ़ाने के लिए ऐसा किया गया था। कुछ स्थानीय लोगों ने इसकी प्रशासन से शिकायत भी की थी।

नोटिस पर धार्मिक भावनाएं आहत होने की दलील, नगर निगम ने साधी चुप्पी
पिछले साल 23 अप्रैल को नगर निगम ने मंदिर समिति को नोटिस देकर सात दिन के भीतर बावड़ी पर बने फर्श को हटाने का आदेश दिया था। इसके बाद 25 अप्रैल को मंदिर प्रबंधन की ओर से जवाब दिया गया कि कोई अवैध निर्माण नहीं है और मंदिर में कोई बदलाव किया गया तो धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। बताया जाता है कि कुछ राजनीतिक और प्रभावशाली व्यक्तियों की ओर से हस्तक्षेप के बाद नगर निगम ने नोटिस पर चुप्पी साध ली।

बचाव कार्यों में देरी के आरोप
मौके पर मौजूद लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बचाव कार्यों में देरी का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि शिकायत के करीब एक घंटे बाद मौके पर बचाव कार्य शुरू हो पाया। एंबुलेंस पहुंचने में भी देरी हुई। शुरुआत में पुलिस और फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने बावड़ी में रस्सी के सहारे ही लोगों को बचाने की कोशिश की। बाद में इसमें गोताघोरों को उतारा गया। पानी निकलाने में भी देरी हुई। हालात जब संभलते नहीं दिखे तो आपदा बल और सेना को बुलाया गया।