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चंडीगढ़: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान 2009 में में हुई पुलिस इंस्पेक्टर की चयन प्रक्रिया में धांधली मामले में गृह सचिव ने शनिवार को अपनी जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप दी है। इनमें से अधिकतर पुलिस इंस्पेक्टर इस समय राज्य पुलिस में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं। करनाल निवासी अमित ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि पुलिस में 20 इंस्पेक्टर को भर्ती किया गया है। 20 में से नौ पद सामान्य वर्ग के थे। इन नौ पदों पर हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों सहित अन्य राजनीतिक व अफसरों के रिश्तेदारों को ही नियुक्ति दी गई है। याचिकाकर्ता के अनुसार उन्हें लिखित परीक्षा में 200 में से 145 अंक प्राप्त हुए थे और वह लिखित परीक्षा में टॉपर थे। लेकिन उन्हें इंटरव्यू में 25 में से मात्र 7 अंक दिए गए और वेटिंग लिस्ट में रख दिया, जबकि कम अंक वाले चहेतों को इंटरव्यू में अच्छे अंक देकर चयन कर दिया गया है।
परिवार और रिश्तेदारों की भर्तियां
चयनित किए गए अन्य उम्मीदवारों में हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल के एडीसी के बेटे वरुण दहिया, विधायक डांगी के रिश्तेदार दीपक, तत्कालीन विधायक आनंद कौशिक के भतीजे नवीन शर्मा, तत्कालीन मुख्यमंत्री के एक नजदीकी कार्यकर्ता के रिश्तेदार नवीन सांगू, तत्कालीन मुख्यमंत्री की पत्नी के एक नजदीकी रिश्तेदार के बेटे विपिन अहलावत, हिसार के एक कांग्रेस कार्यकर्ता का बेटा अर्जुन सिंह, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन का रिश्तेदार कमलजीत शामिल है।
इस मामले में हाईकोर्ट ने पिछले साल जुलाई माह के दौरान गृह सचिव की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस भर्ती में लगे आरोपों की जांच के लिए गृह सचिव, सचिव कार्मिक व एडीजीपी विजिलेंस की कमेटी का गठन किया गया था। कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर इस भर्ती पर निर्णय लिया जाएगा। हाई कोर्ट ने जांच रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज रिकॉर्ड पर रखने का आदेश दिया है। अब हाईकोर्ट मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर केस की सुनवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।