मध्य प्रदेश में ISIS कनेक्शन; 3 आरोपियों पर NIA ने कसा शिकंजा, रिमांड मंजूर

ISIS connection in Madhya Pradesh; NIA clamps down on 3 accused, remand approved
ISIS connection in Madhya Pradesh; NIA clamps down on 3 accused, remand approved
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भोपाल: ISIS की आतंकी गतिविधियों के लिए लोगों को जुटाने और लामबंद करने वाले 3 आरोपियों को NIA ने 26 मई की देर रात छापेमारी कर दबोचा था। आरोपियों के पास से हथियार, संदिग्ध सामग्री समेत कई सबूत मिले थे। NIA की टीम ने तीनों के ISIS से कनेक्शन के आधार पर हिरासत में लिया था। शनिवार 27 मई को भोपाल की एक अदालत ने आरोपियों NIA रिमांड पर मंजूरी दे दी है। NIA की तरफ से वकील दीपेश जोशी ने मीडिया को बताया कि सैयद ममूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को भोपाल में एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल के सामने पेश किया गया। जांच एजेंसी ने अदालत से आगे की जांच के लिए इनकी हिरासत मांगी। अदालत ने इन तीनों को तीन जून तक एक सप्ताह के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया है। इसके कुछे घंटे पहले एनआईए के एक अधिकारी ने बताया था कि एजेंसी ने मध्य प्रदेश में तीन लोगों को गिरफ्तार कर आईएसआईएस से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है।

जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के साथ खुफिया विभाग के नेतृत्व वाले संयुक्त अभियान में जबलपुर में 13 स्थानों पर रातभर की गई छापेमारी के दौरान इन तीनों लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद इन तीनों को जबलपुर से भोपाल लाकर यहां एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया। प्रवक्ता ने बताया कि छापेमारी के दौरान धारदार हथियार, गोला-बारूद, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी जब्त किये गये।

एनआईए ने 24 मई को आदिल खान पर आईएसआईएस समर्थक गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। जांच एजेंसी पिछले साल अगस्त से मामले की जांच कर रही थी। प्रवक्ता ने कहा, ”एनआईए को पता चला कि वह और उसके सहयोगी आईएसआईएस के इशारे पर भारत में आतंकवादी हमले करने के लिए सोशल मीडिया मंच इस्तेमाल कर रहे हैं। यह मॉड्यूल स्थानीय मस्जिदों और घरों में बैठकें करता रहा है और देश में आतंक फैलाने की साजिश रचता रहा है।”

अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला है कि तीनों आरोपी कट्टरपंथी है और हिंसक ”जिहाद” को अंजाम देने के लिए दृढ़ थे। वे धन इकट्ठा करने, आईएसआईएस प्रचार सामग्री का प्रसार करने, युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के उद्देश्य से हथियार और गोला-बारूद खरीदने की कोशिश में लगे हुए थे। अली ने ‘फिसाबिलिल्लाह’ नाम से एक स्थानीय समूह बनाया था और उसी नाम से एक व्हाट्सएप समूह भी संचालित कर रहा था। उन्होंने कहा कि वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पिस्तौल खरीदने की कोशिश कर रहा था और इस उद्देश्य के लिए जबलपुर स्थित एक अवैध हथियार आपूर्तिकर्ता के संपर्क में था।

वहीं, आदिल खान युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करने के लिए प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए कई यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप चैनल भी चला रहा था। प्रवक्ता ने कहा, ”जांच में पता चला है कि शाहिद ने भारत में हिंसक हमलों के लिए पिस्तौल, विस्फोटक उपकरण और ग्रेनेड सहित हथियार खरीदने की भी योजना बनाई थी।” स्थानीय सूत्रों के अनुसार एनआईए ने जबलपुर में दो वकीलों के ठिकानों सहित 13 स्थानों पर छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक एनआईए की टीम ने करीब एक दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए अभिरक्षा में लिया था, जिनमें से तीन लोगों को गिरफ्तार किया और अन्य को पूछताछ के बाद छोड़ दिया।