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मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar News) कोर्ट के आदेश पर सोमवार को पूर्व डीएम विनोद शंकर चौबे को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। विनोद शंकर चौबे ने 25 साल पुराने मानहानि के एक मुकदमे में कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद सरेंडर किया था। फिलहाल अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है, प्रकरण की अगली सुनवाई 12 जून को होगी।
क्या है पूरा मामला?
1988-89 के दौरान, मुजफ्फरनगर के डीएम रहे विनोद शंकर चौबे ने शासन को एक गोपनीय पत्र लिखा था। इस पत्र के आमजन में लीक होने के बाद, अधिवक्ता ज्ञान कुमार ने सीजीएम कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का आरोप लगाया और एक प्राइवेट वाद दायर किया था। आरोप था कि तत्कालीन डीएम विनोद शंकर चौबे ने अपमानजनक टिप्पणी करके जनपद के जाट और मुस्लिम समुदाय के लिए अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया। पत्र के लीक होने और समाचार पत्रों में इसके प्रकाशन के बाद जमकर बवाल मचा। जिसके बाद, विनोद शंकर चौबे को ट्रांसफर कर दिया गया था।
क्या था गोपनीय पत्र में
डीएम रहने के दौरान विनोद शंकर चौबे ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखा था कि जिले में जाट और मुस्लिम अधिकारी को नहीं भेजा जाना चाहिए। अगर भेजा जाता है तो पूरी तरह से उसकी निष्ठा की जांच होनी चाहिए। यहां तक दावा किया था कि जिले में दोनों बिरादरियों के लोग ही अधिक अपराध करते हैं। लेटर में सांप्रदायिकता की भावना का भी जिक्र किया गया था।
क्या कहा वादी ने
वादी ज्ञान कुमार एडवोकेट का कहना था कि जाट समाज ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुजफ्फरनगर का नाम रोशन किया है। उन्होंने खेल, शिक्षा, चिकित्सा और विभिन्न नौकरियों में देश सेवा करने वाले लोगों के उदाहरण भी मुकदमा दर्ज कराने के दौरान दिए थे।
हाईकोर्ट से लिया था स्टे
सीजेएम कोर्ट में दायर प्राइवेट वाद एडवोकेट जान कुमार बनाम विनोद शंकर चौबे के मामले में सुनवाई शुरू हुई थी, लेकिन प्रतिवादी ने इस मामले में हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था। जिसके विरूद्ध एडवोकेट ज्ञान कुमार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो सुनवाई उपरांत स्टे को खारिज कर दिया गया। मुकदमे में पेशी से लगातार गायब रहने पर करीब डेढ़ वर्ष पूर्व ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 2 से तत्कालीन डीएम विनोद शंकर चौबे के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। सोमवार को उन्होंने जेएम सेकंड कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। जिसके उपरांत उनके अधिवक्ता की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान कर दी है, प्रकरण की अगली सुनवाई 12 जून को होगी।