हरियाणा में जेजेपी के तेवर, खट्टर सरकार को बचाने के लिए बीजेपी का दांव, समझें विधानसभा का गणित

JJP's attitude in Haryana, BJP's bet to save Khattar government, understand the maths of assembly
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नई दिल्ली। बीजेपी और उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. सत्तारूढ़ दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच खुलकर बयानबाजी से खट्टर सरकार पर संकट के बादल देखे जा रहे हैं. इस बीच, हरियाणा के चार निर्दलीय विधायकों ने गुरुवार को बीजेपी के राज्य प्रभारी बिप्लब कुमार देब से मुलाकात की है, जिससे राज्य का सियासी माहौल और गरमा गया है. निर्दलीय विधायकों से मीटिंग के बाद बिप्लब कुमार देब ने एक बयान जारी किया और कहा, इस बैठक में हरियाणा के विधायक धर्मपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास जताया है.

देब ने आगे कहा, उनकी पार्टी ‘डबल इंजन’ सरकार की नीति के साथ आगे बढ़ रही है और राज्य की प्रगति के कामों में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. बता दें कि हाल ही में सत्तारूढ़ बीजेपी और जेजेपी के बीच मतभेद होने के संकेत मिले हैं. हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी को लेकर एक बयान दिया था. उसके बाद बीजेपी की तरफ से हरियाणा के प्रभारी बिप्लब देव ने पलटवार किया था.

‘बीजेपी और दुष्यंत के बीच बयानबाजी से माहौल गरम’

दरअसल, बीजेपी को लेकर हरियाणा के डिप्टी सीएम ने दुष्यंत चौटाला ने कहा था, ‘ना तो मेरे पेट में दर्द है, ना ही मैं डॉक्टर हूं. मेरा काम अपने पार्टी के संगठन को मजबूत करना है.’ इतना ही नहीं, उन्होंने उत्तर प्रदेश में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या को लेकर सवाल खड़े किए थे. दुष्यंत ने कहा था कि यह कानून एवं व्यवस्था के उल्लंघन का गंभीर मामला है. उन्होंने कहा था कि यह घटना बहुत गंभीर है क्योंकि पुलिस सुरक्षा के बीच दोनों की हत्या की गई. इस मामले की जांच होनी चाहिए. उससे पहले भी कई बार दुष्यंत का गठबंधन की लाइन से इतर स्टैंड देखा गया. वे किसान आंदोलन से लेकर पहलवानों के धरना-प्रदर्शन तक में खुलकर बीजेपी से अलग खड़े नजर आए.

‘समर्थन देकर एहसान नहीं किया है’

दुष्यंत की बयानबाजी पर बिप्लब देव ने जेजेपी पर निशाना साधा और कहा था- अगर जेजेपी ने उन्हें समर्थन दिया है तो एहसान नहीं किया है. इसके बदले में उन्हें (जेजेपी) मंत्री पद भी दिया गया है. उन्होंने गठबंधन को लेकर कहा है कि अभी तक सरकार चल रही है. निर्दलीय विधायक भी हमें (बीजेपी) समर्थन दे रहे हैं.

‘बीजेपी के कार्यक्रम में जेजेपी पर निशाना?’

इससे पहले बिप्लब देव ने बीजेपी की प्रेमलता को उचाना सीट से अगला विधायक बता दिया था. जबकि, वर्तमान समय से इस सीट से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला विधायक हैं. इसके अलावा बीजेपी के कार्यकर्ता सम्मेलन में भी जेजेपी के खिलाफ जमकर निशाना साधा गया था. हालांकि, कहीं भी नाम लेकर टारगेट नहीं किया गया था.

‘गठबंधन में चुनाव लड़ने का दावा कर रहे नेता’

बयानबाजी के बाद खड़े हुए कई सवाल सियासी बयानबाजी के दौर में अब इस बात को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं कि 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे या नहीं. हालांकि, दुष्यंत चौटाला कह चुके हैं कि वह भाजपा के साथ ही चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, चौटाला ने एक बयान में यह भी कहा था कि भविष्य में क्या है … मैं भविष्यवाणी करने वाला ज्योतिषी नहीं हूं. उन्होंने कहा, क्या हमें अपने संगठन को दस सीटों तक सीमित करना है? बिल्कुल नहीं. क्या बीजेपी सिर्फ 40 सीटों पर सिमटने के लिए लड़ेगी? बिल्कुल नहीं. चौटाला ने कहा था कि दोनों पार्टियां 90 सीटों के लिए तैयारी कर रही हैं. वहीं, दूसरी ओर राज्य के बीजेपी प्रभारी के बयानों से अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा है.

‘बीजेपी के पास बहुमत, समर्थन जुटा सकती है’

बता दें कि हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. बहुमत के लिए 46 सीटों का आंकड़ा जरूरी है. इस समय बीजेपी के पास 41 विधायक हैं. जबकि जेजेपी भी 10 विधायकों के साथ गठबंधन सरकार में शामिल है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर जेजेपी समर्थन वापस ले लेती है और मुलाकात करने वाले निर्दलीय विधायक समर्थन देते हैं तो तब भी बीजेपी सरकार सुरक्षित रहेगी. चूंकि, गोपाल कांडा की HLP पहले ही बीजेपी को बिना शर्त समर्थन की बात कह चुकी है. ऐसे में खट्टर सरकार जरूरी समर्थन जुटाने में कामयाब हो सकती है.

अभी क्या है विधानसभा में स्थिति…

बीजेपी- 41
जेजेपी- 10
कांग्रेस- 30
निर्दलीय- 7
हरियाणा लोकहित पार्टी- 1