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भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत शुक्रवार (27 अगस्त, 2021) को एक टीवी इंटरव्यू के दौरान पत्रकार के सवाल पर फंसते नजर आए। उनसे पूछा गया था कि कृषि कानूनों के किन सेक्शंस में लिखा है कि उद्योगपति अन्नदाताओं की जमीन हड़प लेंगे? वह इसका सीधा जवाब नहीं दे पाए। बार-बार एंकर से पूछने लगे कि वह सरकार में क्या हैं? किस पोस्ट पर हैं, जो उन्हें उत्तर दिया जाए। टिकैत ने इसके अलावा यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के सारे प्रवक्ता घर पर रहने लगे हैं, जबकि उनकी जगह पर सारे न्यूज एंकर अब प्रवक्ता बन गए हैं।
दरअसल, पत्रकार यूपी की राजधानी लखनऊ में आयोजित एबीपी न्यूज के शिखर सम्मेलन से सवाल दाग रही थीं, जबकि किसान नेता ऑनलाइन माध्यम से इंटरव्यू दे रहे थे। वह किसी और शहर में थे, जिस पर रुबिका ने तंज कसा कि “वह (टिकैत) आमने सामने होते तो फसल अच्छे से कटती।” हालांकि, किसान नेता ने जवाब दिया कि वहां जो लोग हैं, हमें सब नजर आ रहा है। हमें ऐसा लग रहा है कि जहां प्रोग्राम हो रहा है, वहीं हम बैठे हैं।
चुनावी माहौल के बीच टिकैत और किसान नेताओं की सक्रियता को लेकर पत्रकार ने आगे पूछा कि वे लोग इस दौरान (चुनावी समर में) किसका प्रचार करेंगे? टिकैत ने जवाब दिया, “हम चुनाव में है हीं कहां।” पत्रकार इसके बाद उन यूपी और उत्तराखंड सरीखे उन सूबों के नाम गिनाने लगीं जहां चुनाव होने हैं या फिर हुए हैं, जहां किसान कृषि कानून के मसले पर सरकार को बेनकाब करने गए थे। बकौल रुबिका, “तो प्रचार किसका कर रहे हैं? फिर चंडीगढ़, यूपी और बंगाल में क्या कर रहे हैं?”
किसान नेता ने आगे कहा कि तमिलनाडु में कौन सा चुनाव है? रुबिका बोलीं कि अच्छा, अब आप लोग भी नेताओं की तरह रणनीति बनाने लगे। आपको पूरी देश में जाने की छूट है, पर जनता को सड़कों का इस्तेमाल करने की छूट क्यों नहीं देते? टिकैत ने जवाब दिया- भारत सरकार ने रास्ते रोक रखे हैं। एंकर इस पर पूछने लगीं कि मकान वहां क्या भारत सरकार ने बनाए हुए हैं?
बीकेयू प्रवक्ता आगे कहने कि उनके पूर्वज आंदोलन करने दिल्ली गए थे। उन्हें भी जाने दिया जाए। एंकर ने इस पर उन्हें 26 जनवरी के संदर्भ में ट्रैक्टर परेड हिंसा की याद दिलाते हुए पूछा- टिकैत साहब, दिल्ली गए थे, पर क्या गुल खिलाए थे? याद है न। लाल किले की प्राचीर याद है न, आपको। आप लाल किला क्यों पहुंचे थे? 26 जनवरी को कानून बनाने गए थे? इन सवालों पर टिकैत बोले कि वहां किसानों को कौन लेकर गया था?
टिकैत आगे कहने लगे कि आवाज उठाने पर यूपी में लाठी और बंदूक का पहरा है? रुबिका ने पूछा कि आप ये सारी बातें अपने भाइयों को क्यों नहीं समझा पाए…भानु को क्यों नहीं समझा पाए? एंकर की आवाज न आने का दावा कर किसान नेता आगे कहने लगे कि आपकी आवाज आती नहीं और फिर कहोगे कि हमने बहुत बात की और हमने जवाब न दिया। यह भी आपका स्टंट है। चैनल वाले भी पूरा सरकार के एजेंडे पर काम कर रहे हैं।
देखें, इंटरव्यू के दौरान आगे क्या हुआः