जज साहब भूले मर्यादा, महिला वकील से अंडरगार्मेंट पर सरेआम आपत्तिजनक कमेंट

Judge sahab forgot his limits, made objectionable comment on female lawyer's undergarment in public
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SC raps High Court Judge: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक सुनवाई के दौरान अपने ही हाईकोर्ट के एक जज को फटकारा। सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के जज जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद को उनकी विवादित और महिला विरोधी टिप्पणी पर नसीहत देते हुए ऐसे कमेंट पर चिंता जताई। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाले पांच जजों की बेंच ने इस मामले में रिपोर्ट भी तलब की है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया का क्यों किया जिक्र?

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अदालतों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोर्टरूम में अपेक्षित शिष्टाचार का पालन हो। पांच जजों की बेंच ने कहा कि जब सोशल मीडिया अदालती कार्यवाही की निगरानी और उसे बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाता है तो यह सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है कि न्यायिक टिप्पणी कानून की अदालतों से शिष्टाचार के अनुरूप हो।

सीजेआई ने कहा: कर्नाटक हाईकोर्ट के जज ने अदालती कार्यवाही के दौरान की गई टिप्पणियों पर मीडिया रिपोर्टों ने ध्यान आकर्षित किया है। हाईकोर्ट अपने मुख्य न्यायाधीश से निर्देश प्राप्त करने के बाद एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। हम कुछ बुनियादी दिशा-निर्देश निर्धारित कर सकते हैं। रिपोर्ट दो दिन के भीतर दाखिल कर प्रस्तुत किया जाना चाहिए। अब मामले की सुनवाई अगले सप्ताह बुधवार को की जाएगी।

हाईकोर्ट के जज ने क्या कहा कि मचा बवाल?

कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में सुनवाई के दौरान वह बेंगलुरू के एक मुस्लिम बहुल इलाका को पाकिस्तान कहकर संबोधित कर रहे हैं। एक दूसरे वीडियो में वह एक महिला वकील के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं। महिला वकील के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए जस्टिस श्रीशानंद ने कहा कि वह विपक्षी पक्ष के बारे में बहुत कुछ जानती है, इतना कि वह उनके अंडरगारमेंट्स का रंग भी बता सकती है।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच में कौन-कौन रहा शामिल?

कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस श्रीशानंद की टिप्पणी पर रिपोर्ट मांगने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच की अध्यक्षता सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने किया। इस पांच सदस्यीय बेंच में जस्टिस एस खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस एस कांत और जस्टिस एच रॉय शामिल रहे।