नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मी काफी तेज हो गई है. 10 फरवरी को पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर वोट पड़ने वाले हैं. एक तरफ खड़ा है सपा-आरएलडी का गठबंधन तो दूसरी तरफ बीजेपी फिर जाटों का दिल जीतने का दम भर रही है. अब इसी कड़ी में गृह मंत्री अमित शाह जाट नेताओं के साथ अहम बैठक कर रहे हैं
जाट वोटर्स को साधने की शाह की कवायद
बैठक में कुल 100 जाट नेताओं को बुलाया गया है. हर नेता जाट समाज में अपनी अलग सक्रियता रखता है, ऐसे में उन्हें मनाकर बीजेपी संपूर्ण जाट समाज को अपने पाले में करना चाहती है. बैठक में हर वो शख्स मौजूद है जिनकी जाट समाज में सक्रियता है और जिनके कहने पर किसी भी दल को वोट पड़ सकते हैं.
अब अमित शाह भी इस बात को समझते हैं, लिहाजा जाट नेताओं संग बातचीत के दौरान उन्होंने कई बार भावुक अपील भी की. उन्होंने कहा कि 2014 में आपने सरकार बनाई . 2017 में बहुत डराया, धमकाया और हड़काया, मेरी जगह कोई और होता तो रो देता . लेकिन आपने कहा हम आपको वोट देंगे और फिर आपने प्रचंड बहुमत से सरकार बना दी . 2019 में भी यही किया. शाह के मुताबिक 2017 के चुनाव के दौरान उन्हें जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह से डांट पड़ी थी.
Delhi | Union Home Minister Amit Shah reaches residence of BJP MP Parvesh Sahib Singh Verma on the occasion of #RepublicDay pic.twitter.com/eELELAcJTe
— ANI (@ANI) January 26, 2022
शाह ने आगे कहा कि जब भी हम आपके पास आए आपने हमारी झोली में छप्पर फाड़ के वोट दिए. कई बार हमने आपकी बात को नहीं माना तब भी आपने हमें वोट दिया. गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्होंने खुद अपनी राष्ट्रीय राजनीति को यूपी से शुरू किया था और जो भी तीन चुनाव लड़े गए, जाटों का पूरा समर्थन मिला.
अमित शाह ने इस बात का भी जिक्र किया कि जाट समुदाय हमेशा से ही खुद के बारे में सोचने के बजाय देश को आगे रखता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और जाटों की राजनीति कई मायनों में एक जैसी है. दोनों देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं और दोनों ने ही मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है.
शाह ने अखिलेश को बता दिया ‘बाहरी’
इसके बाद शाह ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि आप बताओ कि अखिलेश कि सरकार लाओगे क्या ? झगड़ा करना है तों मेरे साथ कर लो बाहर के व्यक्ति को क्यों लाते हो. अमित शाह ने बैठक के दौरान जयंत चौधरी पर भी बड़ा बयान दिया. उनकी माने तो जयंत ने इस बार गलत घर चुन लिया है.
वे कहते हैं कि हम भी जयंत को चाहते थे लेकिन उसने ग़लत घर चुन लिया है. अगली बार आप उससे बात कर लेना. इस सब के अलावा जाट समाज के बीच शाह ने राम मंदिर का मुद्दा भी उठा दिया. कहा गया कि 600 सालो से राम मंदिर की लड़ाई लड़ रहें थे लेकिन मोदी सरकार ने मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है.
गृह मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान यहां तक अपील कर दी कि अगर डांटना है तों बालियान के साथ मेरे घर पर आ जाना लेकिन वोट ग़लत जगह डालने की गलती मत करना.
2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी अमित शाह ने ऐसी बैठक की थी. तब भी जाट वोटों पर विशेष ध्यान दिया गया था. नतीजा ये निकला कि बीजेपी ने 143 में से 108 सीटें अपने नाम कर ली थीं. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी के पक्ष में ही जाट वोट पड़ें और 29 सीटों में से 21 पर जीत दर्ज की गई.
अखिलेश-जयंत ने बढ़ाई चुनौती
लेकिन इस बार पश्चिमी यूपी के सियासी समीकरण कुछ बदले हैं. अखिलेश ने जब से जयंत चौधरी से हाथ मिलाया गया है, कहा जा रहा है कि जाटों का समर्थन इस गठबंधन के साथ भी जा सकता है. इसके ऊपर किसानों का गुस्सा और जाट आरक्षण ने भी बीजेपी की चुनौती को काफी बढ़ा दिया है. ऐसे में उस चुनौती से पार पाने के लिए और 2017 के प्रदर्शन को फिर दोहराने के लिए गृह मंत्री अमित शाह खुद चुनावी मैदान में कूंद गए हैं. उन्हें पूरा विश्वास है कि एक बार फिर बीजेपी को जाटों का पूरा समर्थन मिल जाएगा.
संजय बालियान ने क्या कहा?
बीजेपी के बड़े जाट नेता संजय बालियान भी यही मानते हैं कि बीजेपी के पक्ष में माहौल चल रहा है और प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनने जा रही है. उनका कहना है कि चुनाव का समय है, इसलिए अमित शाह कुछ अहम लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. वहीं अखिलेश-जयंत के गठबंधन पर बालियान को लगता है कि जमीन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. बीजेपी ने दूसरे दलों के मुकाबले ज्यादा जाट उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. बालियान मानकर चल रहे हैं कि सपा-आरएलडी के उम्मीदवारों की वजह से बीजेपी की लीड और पक्की होने जा रही है.