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नई दिल्ली। एमएसपी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर सरकार ने सख्ती करने का फैसला किया है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक प्रदर्शन में शामिल किसानों की प्रॉपर्टी और बैंक अकाउंट सीज किए जा रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय निवासियों से इस बात की जानकारी मांगी गई है कि क्या प्रदर्शन के दौरान उनकी किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर किसान बीते कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए सरकार तरह-तरह के उपाय अपना रही है। किसानों पर ड्रोन के माध्यम से आंसू गैस के गोले भी बरसाए गए हैं। वहीं, खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान एक युवा किसान की मौत हो गई। इसके बाद किसानों ने प्रदर्शन में दो दिन के ब्रेक की घोषणा की थी।
किसान नेता के घर नोटिस चस्पा, संपत्ति की जानकारी मांगी
भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान मजदूर मोर्चा के सदस्य अमरजीत सिंह मोहड़ी के घर पर पुलिस का नोटिस चस्पा किया गया है। इस नोटिस को किसानों द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।
यह नोटिस एसपी अंबाला की तरफ से जारी किया गया है और इसमें लिखा है कि अमरजीत सिंह मोहड़ी आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। इस नोटिस में कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि आंदोलन अब उग्र होता जा रहा है ऐसे में प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लिहाजा बिना अनुमति के आंदोलन में शामिल होने पर अमरजीत सिंह मोहड़ी की संपत्ति से भी भरपाई हो सकती है। इसमें मोहड़ी की संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी मांगी है।
भड़काऊ व उकसाने वाले भाषण देने वाले किसान नेताओं को नजरबंद करने की कार्रवाई
प्रशासन के अनुसार शंभू बॉर्डर पर आंदोलन के दौरान लगभग 30 पुलिस कर्मचारियों को चोटें आई व 1 पुलिस कर्मचारी का ब्रेन हैमरेज व 2 पुलिस कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है। प्रशासन के अनुसार इस आंदोलन में कई किसान नेता सक्रिया भूमिका में है और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। उनके अनुसार लगातार सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम इत्यादि के माध्यम से भड़काऊ व उकसाने वाले भाषण देकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
प्रशासनिक अधिकारियों, सरकार के खिलाफ गलत शब्दों को भरपुर प्रयोग किया जा रहा है। अपराधिक गतिविधियों को रोकने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 2 (3 ) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 (एन0एस0ए0 एक्ट ) तहत किसान संगठनों के पदाधिकारियों को नजरबंद करने की कार्रवाई प्रशासन द्वारा अमल में लाई जा रही है ताकि आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था को कायम रखा जा सके व सामाजिक सौहार्द बिगड़ने न पाए।