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बीजिंग: चीन की मिलिट्री ने लाइव फायर एक्सरसाइज के तहत गुरुवार को 370 एमएम वाले PCL 191 (MLRS) रॉकेट्स को दागा। इन रॉकेट्स को ताइवान स्ट्रैट्स पर लॉन्च किया गया। इन्हें दागने का मकसद ताइवान को निशाना बनाना है। जो रॉकेट चीन की तरफ से दागा गया है उसकी रेंज 350 किलोमीटर है। चीन की स्थानीय मीडिया की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की तरफ से बताया गया है कि जो मिलिट्री ड्रिल ताइवान के करीब हो रही है उसके तहत समुद्र से लेकर जमीन और हवा में भी ताइवान की घेराबंदी की जा रही है। ड्रिल में चीन की सेनाएं J-20 स्टेल्थ फाइटर जेट्स से लेकर DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइल तक का प्रयोग कर रही हैं।
चीन का मिस्ट्री वेपन
जो रॉकेट चीन ने दागा है, उसे रक्षा विशेषज्ञों ने एक ‘मिस्ट्री वेपन’ करार दिया है। इस रॉकेट सिस्टम (MLRS) को उस समय टेस्ट किया गया था जब भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में तनाव जारी था। चीन ने पिछले दिनों ही इसे लद्दाख के करीब टेस्ट किया था। इसकी अधिकतम रेंज 500 किलोमीटर बताई जा रही है लेकिन इस पर थोड़ा संदेह जताया गया है। कुछ लोग इसकी रेंज 350 किलोमीटर बताते हैं। PCL-191 ट्रक लान्च रॉकेट सिस्टम है जो 370 एमएम के रॉकेट्स को आसानी से लॉन्च कर सकता है।
इस सिस्टम पर 350 किलोमीटर की रेंज वाले आठ रॉकेट्स कैरी किए जा सकते हैं या फिर 750 एमएम वाले फायर ड्रैगन 480 टैक्टिल बैलेस्टिक मिसाइल्स को कैरी कर सकता है। ये मिसाइलें 500 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज वाले हैं। इस रॉकेट सिस्टम की झलक, चीन ने सबसे पहले साल 2019 में नेशनल डे परेड के दौरान दुनिया को दिखाई थी। इस सिस्टम को पीएलए का सबसे एडवांस्ड सिस्टम करार दिया जा रहा है। इससे अलग ग्लोबल टाइम्स की तरफ से बताया गया है कि पीएलए की ईस्टर्न कमांड रॉकेट फोर्स ने कई तरह की पारंपरिक मिसाइलों को ताइवान के पूर्व में कई चिन्हित हिस्सों की तरफ दाग दिया है।
कई तरह के खतरनाक हथियार
चीन की मिलिट्री जिस ड्रिल को ताइवान के करीब अंजाम दे रही है, उसमें जे-20 फाइटर जेट, H-6K बॉम्बर, J-11 फाइटर जेट, टाइप 052D डेस्ट्रॉयर के साथ ही टाइप 056A कोर्वट और DF-11 शॉर्ट रेंज की बैलेस्टिक मिसाइलों को तैनात किया गया है। इससे पहले अर्ली वॉर्निंग एयरक्राफ्ट और DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी युद्धाभ्यास में शामिल किया गया है।
कुछ दिनों पहले चीन की सरकारी मीडिया ने DF-17 मिसाइलों के बारे में और ज्यादा जानकारी जारी की थी। सीसीटीवी की तरफ से जारी एक वीडियो में बताया गया था कि ये एक मीडियम रेंज बैलेस्टिक मिसाइल है। इस वीडियो को 1 अगस्त को जारी किया गया था। पीएलए के साथ मिलकर इस वीडियो को उस मौके पर सामने लाया गया था जब पीएलए अपना 95वां स्थाना दिवस मना रही थी।
खतरनाक है DF-17 मिसाइल
DF-17 मिसाइल सिस्टम को DF-ZF हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) पर फिट किया जाता है। ये मिसाइल 1 अक्टूबर 2019 को ऑपरेशनल हुई थी और मीडियम रेंज की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल थी। साल 2020 के एटॉमिक साइंटिस्ट्स के बुलेटिन में बताया गया था कि इस मिसाइल की रेंज 1800 किलोमीटर से ज्यादा है। यूएस स्ट्रैटेजिक कमांड फोर्स के हवाले से इसमें बताया गया था कि ये मिसाइल पारंपरिक मिसाइल के अलावा परमाणु हथियार भी कैरी कर सकती है।