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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में शुक्रवार को 2 जगहों पर 2 ब्लास्ट हुए। पहला धमाका बलूचिस्तान के मस्तुंग शहर में एक मस्जिद के पास हुआ। ये आत्मघाती हमला था। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, इसमें एक DSP समेत 52 लोगों की मौत हो गई, जबकि 92 लोग घायल हुए हैं। हमले के वक्त लोग ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के लिए इकट्ठा हो रहे थे।
दूसरा धमाका खैबर पख्तूनख्वा के हंगू शहर की मस्जिद में हुआ। ये भी फिदायीन हमला था। पाकिस्तानी मीडिया ‘न्यूज इंटरनेशनल’ के मुताबिक, यहां एक पुलिस अफसर समेत 4 लोगों की मौत हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा- मस्जिद में लोग नमाज के लिए जमा हुए थे तभी धमाका हुआ। इसके बाद मस्जिद की छत गिर गई। 12 लोगों को रेस्क्यू किया गया।
बलूचिस्तान में 3 दिन का शोक
बलूचिस्तान के चीफ मिनिस्टर ने पूरे प्रांत में 3 दिन के शोक का ऐलान किया है। हमले को बलूचिस्तान में एक्टिव आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी TTP से जोड़कर देखा जा रहा था लेकिन TTP ने कहा है कि इस विस्फोट के पीछे उनका हाथ नहीं है। हमारा मकसद साफ है कि हम मस्जिद और पब्लिक गैदरिंग को निशाना नहीं बनाते हैं। उन्होंने इस हमले की निंदा की है।
बलूचिस्तान धमाके में घायल लोगों का इलाज करवाएगी सरकार
पहला धमाका बलूचिस्तान के मस्तुंग शहर में हुआ। यहां के असिस्टेंट कमिश्नर ने बताया कि ब्लास्ट DSP नवाज गिशकोरी की कार के पास हुआ। जियो न्यूज के मुताबिक, हमले में जिस पुलिस ऑफिसर की मौत हुई है वो DSP नवाज ही हैं।
बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जन अचकजई ने बताया कि सभी घायलों को अस्पताल भेजा गया है। जरूरत पड़ी तो उन्हें कराची शिफ्ट किया जाएगा। घायलों के इलाज की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।
खैबर में पुलिस ने एक धमाका रोका
पहले खबर थी कि हंगू शहर में दो धमाके हुए। एक पुलिस स्टेशन के बाहर और एक मस्जिद के अंदर। अब पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पुलिस स्टेशन के बाहर धमाका नहीं हुआ। वहां पुलिस अफसरों ने धमाके से पहले ही स्टेशन के अंदर घुस रहे एक आतंकी को मार गिराया।
खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस अधिकारियों ने कहा- दो आतंकी पुलिस स्टेशन में घुसने की कोशिश कर रहे थे। एक को हमने मार गिराया और दूसरा फरार हो गया। भागने वाला ये आतंकी सुसाइड बॉम्बर था, जिसने पास की मस्जिद में हमला कर दिया।
बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जन अचकजई ने कहा- हमारे दुश्मन विदेशी ताकतों की मदद से बलूचिस्तान में धार्मिक जगहों को निशाना बनाकर शांति भंग करना चाहते हैं। इस तरह के हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। बलूचिस्तान में सरकार के मंत्रियों और दूसरे कई नेताओं ने हमले की निंदा की है।
दरअसल, बलूचिस्तान में बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) की हुकूमत चलती है। यह संगठन पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहा है। बलूचिस्तान के नागरिक 1947-1948 से ही खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानते। इसके बावजूद ये प्रांत किसी तरह पाकिस्तान के नक्शे पर मौजूद रहा। इन्हें दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता रहा। पंजाब, सिंध या खैबर पख्तूनख्वा की तरह उन्हें कभी अपने जायज हक भी नहीं मिले। वक्त गुजरता रहा और इसके साथ ही इनका गुस्सा भी बढ़ता गया। पिछले साल कराची में एक फिदायीन हमले में चार चीनी महिला प्रोफेसर मारी गई थीं।