अभी अभीः बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट की रोकः सरकारी बोलीः हमारे हाथ ना बांधें-जानें पूरा आदेश

Just now: Supreme Court's ban on bulldozers: Government said: Do not tie our hands - know the full order
Just now: Supreme Court's ban on bulldozers: Government said: Do not tie our hands - know the full order
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1 अक्टूबर तक बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई तक देश में एक भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

अदालत ने कहा कि हम स्पष्ट कर दें कि इस ऑर्डर में सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइंस के अवैध अतिक्रमण नहीं शामिल हैं। केंद्र ने इस ऑर्डर पर सवाल उठाया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के हाथ इस तरह नहीं बांधे जा सकते हैं।

इस पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा- अगर कार्रवाई दो हफ्ते रोक दी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा। आप इसे रोक दीजिए, 15 दिन में क्या होगा?

कोर्ट धाराणाओं से प्रभावित नहीं होता, लेकिन हम साफ कर दे रहे हैं कि हम किसी भी अवैध अतिक्रमण के बीच नहीं आएंगे, लेकिन अधिकारी जज नहीं बन सकते हैं।

कोर्ट रूम लाइव…

जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद: हर दिन तोड़फोड़ हो रही है।

केंद्र सरकार: 2022 में नोटिस दिए गए और उसके बाद कार्रवाई की गई। इस बीच अपराध हुए।

सुप्रीम कोर्ट: 2024 में कार्रवाई में इतनी जल्दबाजी क्यों हो रही है, नोटिस तो 2022 में जारी किए गए थे।

सुप्रीम कोर्ट: मैं साफ कर दूं कि अगली तारीख तक हमारी इजाजत के बिना कोई भी तोड़-फोड़ नहीं होनी चाहिए। इस आदेश में सड़कें, रेलवे लाइंस, सरकारी फुटपाथ के अवैध अतिक्रमण शामिल नहीं है।​​​​​​​

केंद्र सरकार: एक धारणा बनाई जा रही है। ​​​​​​​

सुप्रीम कोर्ट: बाहरी शोर से हम प्रभावित नहीं होते हैं। अभी हम इस पॉइंट पर नहीं जा रहे हैं कि किस समुदाय पर एक्शन लिया जा रहा है। अगर एक भी अवैध बुलडोजर एक्शन है तो यह संविधान के खिलाफ है।​​​​​​​

सुप्रीम कोर्ट: धारणाओं से हम प्रभावित नहीं होते हैं। हम साफ कर दे रहे हैं कि हम किसी भी अवैध अतिक्रमण के बीच नहीं आएंगे, लेकिन अधिकारी जज नहीं बन सकते हैं। ​​​​​​​

केंद्र सरकार: याचिकाकर्ता कह रहे हैं कि धर्म विशेष के लिए तोड़फोड़ की कार्रवाई हो रही है। ​​​​​​​

सुप्रीम कोर्ट: अभी हमारा मकसद डिमोलेशन की कार्रवाई को व्यवस्थित करना है। ​​​​​​​

केंद्र सरकार: जिन पर कार्रवाई की गई है, वो कोर्ट आए ही नहीं। उन्हें पता है कि निर्माण अवैध है।​​​​​​​​​​​​​​

2 हफ्ते कार्रवाई नहीं होगी तो कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा। आप अपने हाथ रोक दीजिए। 15 दिन में क्या हो जाएगा।

जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद: इस अदालत ने आदेश दिया था, इसके बावजूद कुछ पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं और उसी रात घर गिरा दिए गए। यह रोज हो रहा है। ​​​​​​​

केंद्र सरकार: MP का एक मामला है। जहां 70 दुकानों को गिरा दिया गया, इनमें से 50 दुकानें हिंदुओं की थीं। ​​​​​​​

सुप्रीम कोर्ट: इस मामले की सुनवाई 1 अक्टूबर को करेंगे, तब तक देश में एक भी तोड़-फोड़ नहीं होनी चाहिए। ​​​​​​​

केंद्र सरकार: इस तरह संवैधानिक संस्थाओं के हाथ नहीं बांधे जाने चाहिए। ​​​​​​​

सुप्रीम कोर्ट: 2 हफ्ते कार्रवाई नहीं होगी तो कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा। आप अपने हाथ रोक दीजिए। 15 दिन में क्या हो जाएगा।