खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर, चाचा असम जेल भेजे गए

Khalistan supporter Amritpal Singh still out of police custody, uncle sent to Assam jail
Khalistan supporter Amritpal Singh still out of police custody, uncle sent to Assam jail
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नई दिल्‍ली: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह अभी तक फरार है. पिछले चार दिन से पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है. वह जिस कार में फरार हुआ था, उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया है. इस बीच अमृतपाल सिंह के तार पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी से भी जुड़ने की बात कही जा रही है. अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह को आज सुबह असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया. रविवार को अमृतपाल के चार गिरफ्तार साथियों को भी डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल ले जाया गया.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
अमृतपाल सिंह के चाचा और छह अन्य सहयोगियों पर कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत आरोप लगाए गए हैं, जो पुलिस को देश भर में किसी भी जेल में संदिग्धों को हिरासत में लेने की अनुमति देता है.

ऐसा लगता है कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ शस्त्र अधिनियम का हवाला देते हुए एक नई प्राथमिकी के साथ केंद्र इस मामले को एक आतंकी जांच के रूप में लेने के लिए आगे बढ़ रहा है. नए मामले में खालिस्तानी नेता को “आरोपी नंबर एक” नाम दिया गया है.

सत्तारूढ़ भाजपा ने खालिस्तानी समर्थकों को “अलग-थलग” करने के लिए सिख निकायों से अपील की है, क्योंकि अमेरिका और ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा गया था.

सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर सोमवार का हमला लंदन की घटना के एक दिन बाद हुआ, जिसमें कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग भवन से राष्ट्रीय ध्वज को नीचे खींच लिया. भारत ने इस मामले को दोनों देशों के सामने पुरजोर तरीके से उठाया है.

पंजाब के कुछ हिस्सों में गुरुवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर रोक जारी रहेगी. पड़ोसी राज्य हरियाणा भी हाई अलर्ट पर है.

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय आज अमृतपाल सिंह की “रिहाई” की मांग वाली याचिका पर केंद्र की प्रतिक्रिया सुनेंगे. अमृतपाल सिंह के नेतृत्व वाले संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के कानूनी सलाहकार ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है.
इमान सिंह खारा ने अपनी याचिका में दावा किया कि अमृतपाल पुलिस की अवैध हिरासत में है.

खालिस्तानी नेता के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई अमृतपाल सिंह और समर्थकों द्वारा उनके एक सहयोगी की रिहाई के लिए तलवारें और बंदूकें लेकर एक पुलिस स्टेशन में घुसने के एक महीने बाद हुई है. झड़प में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.

अधिकारियों का कहना है कि ‘टॉप सीक्रेट’ कार्रवाई आम आदमी पार्टी शासित पंजाब, केंद्र और भाजपा शासित असम के बीच एक साझा प्रयास था. सूत्रों का कहना है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 2 मार्च को एक बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के साथ अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने की योजना पर चर्चा की थी.

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अमृतपाल सिंह आत्मघाती हमलों को अंजाम देने के लिए युवाओं को बपतिस्मा देने के लिए एक राज्यव्यापी जुलूस निकालने की योजना बना रहा था. उन्होंने कहा कि खालिस्तानी नेता पाकिस्तान से अवैध रूप से मंगाए गए हथियारों को जमा करने के लिए नशामुक्ति केंद्रों का इस्तेमाल कर रहा था.

अब तक पुलिस अमृतपाल सिंह के 114 साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है. उसके संगठन के कई सदस्यों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.