पहलवानों ने चुपचाप मारा ऐसा दांव, खडी देखती रह गई खाप पंचायतें, अब तक भौच्चके, यहां देंखे

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रेवाड़ी। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच रेसलर्स विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक के रेलवे में नौकरी जॉइन करने से किसान और खाप नेता नाराज हो गए हैं। ये लोग कुरुक्षेत्र में महापंचायत करने वाले थे।

अब इन्होंने 9 जून को जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन को टाल दिया है। इन किसान नेताओं ने कुरुक्षेत्र की महापंचायत में अल्टीमेटम दिया था कि 9 जून तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे जंतर-मंतर पर पहलवानों का फिर से प्रदर्शन शुरू कराकर आएंगे। पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने रेसलर्स को जंतर-मंतर से हटा दिया था।

विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के एक दिन बाद सोमवार को रेलवे में नौकरी जॉइन कर ली थी। पढ़ें पूरी खबर

BKU के नरेश टिकैत ने रेसलर्स के नौकरी पर लौटने पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा, ‘गृहमंत्री अमित शाह और पहलवानों के बीच क्या समझौता हुआ, मैं नहीं जानता, अगर उन्होंने खुद समझौते का फैसला ले लिया है तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते।’

BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ‘प्रस्तावित विरोध को रद्द कर दिया गया है। सरकार ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से बातचीत शुरू कर दी है। अब पहलवानों और सरकार के बीच बातचीत के नतीजे के आधार पर आगे के विरोध के बारे में फैसला लिया जाएगा।’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मीटिंग के बाद दिल्ली पुलिस की जांच तेज हो गई है। रविवार रात दिल्ली पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने उनके घर विश्नोहरपुर पहुंचकर 12 करीबियों के बयान दर्ज किए। जिनमें बृजभूषण ड्राइवर, सुरक्षाकर्मी, माली और नौकर भी शामिल हैं। SIT इस मामले में अभी तक 137 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है।

बृजभूषण का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने उनसे कोई पूछताछ नहीं की। पुलिस 2 बार पहले ही 5-6 घंटे दिल्ली में पूछताछ कर चुकी है। उनके यहां काम कर रहे ड्राइवर-नौकर के बयान दर्ज किए हैं।