जानिए ‘हार्ट अटैक’ और ‘कार्डियक अरेस्ट’ में क्या होता है अंतर? जिससे हुई सिद्धार्थ शुक्ला की मौत

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मुंबई: टीवी जगत के जाने माने अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) का हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया है. वहीं, कई रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि कार्डिएक अरेस्ट के कारण उनका निधन हुआ है. अमूमन लोग कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक को एक ही मानते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग है. इससे पहले भी कई सेलेब्स का कार्डिएक अरेस्ट या हार्ट अटैक की वजह से देहांत हो चुका है.

मैक्स हॉस्पिटल में निदेशक और हार्ट रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर मनोज कुमार का कहना है कि, ‘दिल को जो धमनियां ब्लड सप्लाई करती हैं, वो तीन होती हैं. एक दाहिने तरफ होती है और दो बाईं साइड होती है. उन धमनी में यदि खून का थक्का जम जाता है और मांसपेशियों में ब्लड सप्लाई रुक जाती है, तो उसे हार्ट अटैक कहा जाता है. इसके बंद होने से दिल का काम करना बिल्कुल बंद हो जाता है और फर्स्ट ऑवर में जो डेथ होती है वो एरिदमिया के कारण होती है और सबसे अधिक मौत इसी वजह से होती है. इसके लिए प्राइमेरी एंजियोप्लास्टी करनी होती है.’

डॉक्टर कुमार, कार्डिएक अरेस्ट के बारे में बताते हैं कि, ‘यह हार्ट अटैक के कारण होता है. दिल की गति धीमी हो जाए तो भी कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है. यदि हार्ट रेट एकदम धीमी हो जाती है, तो भी इसका खतरा रहता है. हार्ट अटैक के कारण ही कार्डिएक अटैक आता है. हार्ट अटैक जब मेसिव होता है या कोई आट्री बंद हो जाती है तो ऐसा होता है.’ बता दें कि कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में हार्ट के अंदर के हिस्सों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान गड़बड़ हो जाता है. इस वजह से दिल की धड़कन पर बुरा असर पड़ता है. heart.org के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट अचानक से होता है. शरीर की ओर से इसकी कोई चेतावनी नहीं मिल पाती. आम तौर पर दिल में होने वाली इलेक्ट्रिकल गड़बड़ी की वजह से धड़कन का तालमेल बिगड़ जाता है. यदि सही समय पर उचित सपोर्टिव उपचार न मिले तो कार्डियक अरेस्ट से कुछ मिनटों में ही मौत हो जाती है.