27 सितंबर को भगवान शिव करेंगे अपना आसन परिवर्तन, इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, करें ये काम

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देवघर. जिस प्रकार भाद्र माह के शुक्ल पक्ष के एकादशी को यानी परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं. उसी प्रकार भाद्र माह के शुक्ल पक्ष के प्रदोष व्रत में भगवान शिव अपना आसन मुद्रा बदलते हैं, जिसे शिव परिवर्तन उत्सव कहते हैं. इस दिन लोग अगर एक छोटा से उपाय कर ले तोह उसपर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है. वही, इसके साथ ही चार राशि वालों के ऊपर विशेष कृपा बरसेगी. तोह आईये देवघर के ज्योतिषआचार्य से जानते है कि प्रदोष व्रत के दिन क्या उपाय करे ओर कोन सी है वह चार राशि जिसके ऊपर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसेगी.

क्या कहते हैं ज्योतिषआचार्य?
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषआचार्य पंडित नन्द किशोर मुदगल ने लोकल 18के संवाददाता को जानकारी देते हुए कहा कि जिस प्रकार एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है उसी प्रकार प्रदोष भगवान शिव को समर्पित है. भाद्रमाह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु करवट लेते है. वही, भाद्रमाह के शुक्ल पक्ष के प्रदोष के दिन यानी भाद्रमाह का अंतिम प्रदोष के दिन भगवान शिव ध्यान करते वक़्त अपना आसन परिवर्तन करते है जिसे आसन परिवर्तन उत्सव भी कहते है. भाद्रमाह का अंतिम प्रदोष व्रत 27 सितंबर को है. इस दिन जातक अगर भगवान शिव के ऊपर जलाभिषेक कर एक धतूरा, एक कनेल का फुल, एक शम्मी पत्ता ओर षोडशोपचार विधि से पूजा आराधना करते है तोह बड़ी से बड़ी समस्या समाप्त हो जायेगी. इसके साथ ही इस दिन से चार राशि के ऊपर भगवान शिव के विशेष कृपा रहेगी.

वृश्चिक राशि-
भगवान शिव अपना जब आसन परिवर्तन करेंगे तो वृश्चिक राशि जातक वाले के ऊपर विशेष कृपा बरसेगी. शनि की कुदृष्टि समाप्त हो जाएगी. जिससे हर कार्य सफल होगा. जो भी मन में सोचा हुआ कार्य है वह जरूर पूरा होगा. वाहन दुर्घटना से बचेंगे. मन बिल्कुल शांत रहेगा. घर में मांगलिक कार्य संपन्न हो सकता है. भाद्र माह के आखिरी प्रदोष के दिन भगवान शिव पर जलाभिषेक जरूर करें.

मकर राशि –
सबसे ज्यादा कष्टकारी अभी मकर राशि है. मकर राशि जातक के ऊपर शनि का साढ़ेसाती चल रहा है. और जब किसी राशि जातक के ऊपर शनि का साढ़ेसाती चलता है तो मन परेशान रहता है. बना बनाया कार्य बिगड़ जाता है. लेकिन भगवान शिव आसन परिवर्तन जब करेंगे तो मकर राशि के ऊपर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसेगी और शनि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी. जिससे मकर राशि वालों के लिए अच्छा समय आ जाएगा. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मकर राशि वाले भाद्रमाह का आखिरी प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के ऊपर धतूरा का फुल ओर शम्मी पुष्प अर्पण करे.

कुम्भ राशि –
जब शिव प्रदोष व्रत के दिन अपना आसन परिवर्तन करेंगे तो सबसे ज्यादा असर कुंभ राशि पर पड़ने वाला है. क्योंकि अभी शनि कुंभ राशि पर ही विराजमान है. 27 सितंबर के बाद कुंभ राशि का समय बदलने वाला है. मन शांत रहेगा, भाग्य साथ देने वाला है. जो भी आप कार्य सोचे हुए हैं वह जरूर पूर्ण होगा
समाज में मान प्रतिष्ठा की बढ़ोतरी होगी. भाद्र माह के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के ऊपर अभिषेक कर कनेल का फुल अर्पण करे. शनि का प्रभाव समाप्त हो जाएगा.

मीन राशि –
मीन राशि वालों के ऊपर शनि का साढ़ेसाती चल रहा है. देखा जाए तो एक तरह से सबसे बुरा समय मीन राशि जातक वालों के लिए ही चल रहा है. लेकिन भद्र मां के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन मीन राशि वालों के लिए किस्मत चमकने वाली है. उसे दिन भगवान शिव अपना आसन परिवर्तन करने वाले हैं जिससे मीन राशि जातक वालों के ऊपर विशेष कृपा बरसेगी. उस दिन अगर मीन राशि वाले भगवान शिव के ऊपर अभिषेक कर षोडशोपचार विधि से भगवान शिव की पूजा आराधना करते हैं तो परिवार में सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी. व्यापार में आपार धन का लाभ होगा और शनि की साढ़ेसाति का प्रभाव भी समाप्त हो जाएगी.