मध्य प्रदेश: विदिशा के बबचिया हत्याकांड में 12 साल बाद कोर्ट का फैसला, 38 लोगों को आजीवन कारावास; जानें पूरा मामला

Madhya Pradesh: Court verdict after 12 years in Vidisha's Babchia murder case, life imprisonment to 38 people; Know the whole matter
Madhya Pradesh: Court verdict after 12 years in Vidisha's Babchia murder case, life imprisonment to 38 people; Know the whole matter
इस खबर को शेयर करें

विदिशा; मध्य प्रदेश के विदिशा जिले मैं हुए बहुचर्चित बबचिया हत्याकांड में 13 साल बाद फैसला आया है। प्रथम सत्र जिला न्यायाधीश और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए 38 दोषियों को आजीवन कारावास के साथ 1 हजार रुपये से लेकर 12 हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया है। फैसले के बाद सभी दोषियों को पुलिस वाहन से भोपाल सेंट्रल जेल पहुंचा दिया गया है। मामला सन 2011 के समय का है जब एक ही समुदाय के दो परिवारों के बीच जमकर खूनी विवाद हुआ और 6 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में करीब 54 लोगों पर मामला दर्ज किया गया था। इनमें से 4 नाबालिगों का ट्रायल चल रहा है और 12 आरोपी अभी फरार बताए जा रहे हैं। शनिवार को आए फैसले में कोर्ट ने 38 लोगों को सजा सुनाई है जिसमें से 33 आरोपी न्यायालय में उपस्थित थे। वहीं, पिछले 12 साल में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में न्यायालय ने दूसरे पक्ष काले खान के 17 लोगों को बरी कर दिया है। फैसले की सुनवाई के वक्त बड़ी संख्या में दोनों ही पक्षों के मुस्लिम समाज के लोग अदालत और उसके आसपास जमा हो गए थे। सुरक्षा की दृष्टि से जिले भर से पुलिस बुलाई गई थी। बैरिकेड्स लगाकर पूरे न्यायालय को सुरक्षा प्रदान की गई थी।

यह था मामला

विदिशा जिले के थाना क्षेत्र शमशाबाद के बबचिया गांव में 3 फरवरी 2011 को एक ही समुदाय के दो परिवारों के बीच खूनी संघर्ष हो गया था जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी। दोनों परिवारों के बीच लंबे समय से चुनावी रंजिश चली आ रही थी जिसको लेकर आए दिन झगड़े और विवाद होते रहते थे। मिली जानकारी अनुसार इस विवाद के चलते दोनों परिवार के लोगों ने आर या पार करने का फैसला कर लिया और एक तय स्थान पर लड़ने का फैसला किया। 3 फरवरी 2011 को दोनों पक्ष के लोग एक स्थान पर जमा हुए और एक दूसरे से भिड़ गए। इसमें हथियारों का और बंदूकों का भी इस्तेमाल किया गया। इस विवाद में 6 की मौत के साथ कई लोग घायल भी हुए थे। पुलिस के अनुसार, इस मामले में फरियादी मुराद खान की ओर से शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी जिसमे बताया गया था कि काले खान और शहाबुदीन खान के परिवारों के बीच विवाद हो गया है। जिसमे तलवार लाठियां ओर फायरिंग भी की गई है पुलिस ने दोनो पक्षो के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

सरकारी वकील नरेंद्र कुमार व्यास ने बताया कि यह बहुचर्चित मामला था जिसमें अपर सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा द्वारा सजा सुनाई गई है। 38 अभियुक्तों के खिलाफ चालान पेश किया गया था उसमें 33 अभियुक्तों को आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड की सजा सुनाई है इसमे 5 लोगो की मौत हो चुकी है। वहीं, दूसरे पक्ष के 15 लोगो को साक्ष्य के अभाव में सरकारी वकील अपनी दलीलों और साक्षी पर्याप्त प्रस्तुत नहीं कर सके जिसके कारण माननीय न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा ने सभी 15 लोगों को दोष मुक्त किया है, इसमें से 2 लोगो की मौत हो चुकी है।