कोर्ट में सामने आई मनीष सिसोदिया की बेईमानी, ईडी ने खोल दी पोल पटटी, गायब कर दिये…

Manish Sisodia's dishonesty came to the fore in the court! ED made a big disclosure, see here
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नई दिल्ली. दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री को पांच दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी 7 दिन की रिमांड की मांग की थी. स्पेशल सीबीआई जज एम. के. नागपाल कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि सिसोदिया की रिमांड की जरूरत है. उन्होंने बताया कि दिल्ली आबकारी विभाग के आलोक श्रीवास्तव से सिसोदिया का आमना-सामना कराया गया है.

ईडी ने अदालत से कहा कि मनीष सिसोदिया से और पूछताछ करनी है, जबकि मामले में अन्य आरोपी अरविंद, गोपीकृष्ण और संजय गोयल के सामने बिठाकर उनसे पूछताछ की जा चुकी है. जांच एजेंसी ने आगे कहा, ‘कुछ तथ्य सामने आए हैं. मोबाइल देता रिट्रीव किया गया है, जो कि बहुत ज्यादा है… सिसोदिया के क्लॉड से 1.23 लाख ईमेल डंप मिला है… i cloud डेटा भी रिट्रीव किया गया है. इन सबको लेकर पूछताछ करनी है.’

इस पर मनीष सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में कहा, ‘अभी तक सिर्फ 11 घंटे ही पूछताछ हुई 7 दिन में.. सिर्फ 4 लोग से आमना-सामना कराया गया है.’ उन्होंने कहा, ‘क्या किसी कमरे में इधर से उधर बैठाना जांच होती है. कोर्ट में पेश करने से पहले जांच एजेंसी आखिरी दिन पूछताछ का दिखावा करती है.’

मनीष सिसोदिया के वकील ने पूछा, ‘ईडी को बताना चाहिए कि अब तक क्या जांच की गई है?’ ईडी के जांच अधिकारी के निर्देश पर ईडी के वकील ने मनीष के वकील के तर्क का विरोध किया और कहा कि रोज 5 से 6 घंटे पूछताछ की जा रही है.

सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई के द्वारा एफआईआर दर्ज करने के कुछ दिन के भीतर अगस्त 2022 में ईसीआईआर दर्ज किया गया, कम्प्यूटर को ज़ब्त कर उसकी जांच की गई और अब दूसरी एजेंसी उसी प्रक्रिया को दोहराना चाहती है. सिसोदिया के वकील ने ईडी की रिमांड बढ़ाने की मांग का विरोध किया और कहा कि क्या ईडी सीबीआई की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है.

सिसोदिया के वकील ने कहा, ‘ईडी को बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या हुआ, यह नहीं बताना है कि क्या अपराध हुआ? अन्य आरोपियों से आमना-सामना कराने के लिए हिरासत की ज़रूरत नहीं होती है, समन जारी कर ऐसा कराया जा सकता है.’

ईडी ने कहा कि दो लोगों को 18 और 19 मार्च को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है. जांच एजेंसी ने बताया कि जो ईमेल और मोबाइल डेटा मिला है, उसी के बारे में आमना-सामना करवाना है. इस पर कोर्ट ने कहा कि ईमेल जैसा डाटा का कंफ्रंट तो आप जेल में भी करवा सकते हैं. इसके जवाब में ईडी ने कहा कि जांच अभी अहम मोड़ पर है, अगर अभी हिरासत नहीं मिली, तो सारी मेहनत बेकार हो जाएगी और आरोपी की पूछताछ सीसीटीवी की निगरानी में कराई जा रही है.

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की ईडी रिमांड पर फैसला सुरक्षित रख लिया. दिल्ली में वर्ष 2021-22 के लिए बनाई गई और अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति को तैयार करने और इसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 26 फरवरी को गिरफ्तार किये जाने के बाद सिसोदिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.