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शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील (mid day meal) के लिए पिछले पांच माह से बजट जारी नही हो पाया है। आलम यह है कि बच्चों को मिड डे मिल देना मुश्किल हो गया है। शिक्षकों का कहना है कि अब तक दुकानों से उधार लेकर मिड-डे मील बच्चों को परोसा जा रहा है।
प्राथमिक शिक्षक संघ (Primary Teachers Association) का कहना है कि उन्होंने पिछले दिनों प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से भी इस मांग को प्रमुखता से उठाया था। संघ ने सरकार और विभाग को दो टूक कहा कि अगर जल्द राशि जारी नहीं हुई तो अगले माह से अब स्कूलों में दोपहर का भोजन नहीं बन पाएगा। यानी की बहुत सारे स्कूलों में मिड डे मील बंद करना होगा
वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग में दो वर्ष की अनुबंध सेवाएं (contract services)पूरी करने वाले स्कूल लेक्चरर रेगुलर होंगे। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने नियमितीकरण प्रक्रिया (regularization process) पूरी करने के लिए डिटेल मांगी है। इस संबंध में निदेशक अमरजीत शर्मा द्वारा सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी किया गया है।
उपनिदेशकों को निर्देश जारी किए गए है कि दो वर्ष का अनुबंध कार्यकाल पूरा करने वाले अपने जिला के लेक्चरर की विस्तृत डिटेल प्रधानाचार्यों से एकत्र कर जल्द निदेशालय को भेंजे। नियमितीकरण प्रक्रिया पूरी करने के लिए लेक्चरर से संबंधित डिटेल प्रोफार्मा-ए और बी में भरकर निदेशालय को भेजें।