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मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 के दौरान आचार संहिता सहित आपदा प्रबंधन एवं महामारी अधिनियम के उल्लंघन के मामले में आरोपी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। करीब पांच घंटे तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद राज्यमंत्री को कोर्ट ने जमानत पर रिहा किया।
अभियोजन के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र के रामलीला टिल्ला पर 11 जनवरी 2022 को सभा का आयोजन किया गया था। इसके एक दिन बाद पुलिस ने मौजूदा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल सहित पांच लोगों के विरुद्ध शहर कोतवाली में आचार संहिता एवं आपदा प्रबंधन तथा महामारी अधिनियम उल्लंघन की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
गैर जमानती वारंट हुआ था जारी
शहर कोतवाली के सब इंस्पेक्टर जोगिंदर पाल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें बताया गया कि वायरल वीडियो की जांच में सामने आया, 11 जनवरी 2022 को राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, भाजपा महामंत्री राधे वर्मा, जिला उपाध्यक्ष अजय सागर, शेखर राजपूत और सुंदर सोम आदि ने सभा आयोजित कर आचार संहिता का उल्लंघन किया था। इस मामले मे कोर्ट में पेश न होने पर चार सितंबर को राज्यमंत्री सहित सभी आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया था।
राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल रिहा
9 सितंबर को मामले के आरोपी राधे वर्मा, अजय सागर, शेखर राजपूत और सुंदर सोम ने कोर्ट में पेश होकर अपनी जमानत करा ली थी। बचाव पक्ष ने बताया कि शुक्रवार को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उन्होंने बताया, करीब पांच घंटे न्यायिक हिरासत में रहने के बाद कोर्ट ने राज्यमंत्री को 25-25 हजार रुपये के निजी मुचलकों पर रिहा कर दिया। अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।