मोबाइल गेम की लत ने ली बच्चे की जान? सरकार सख्त, गृहमंत्री ने लिया बड़ा फैसला

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भोपाल। राजधानी में 11 साल के मासूम सूर्यांश ने घर में फांसी (Bhopal Boy Suicide Case) लगा ली. घटना के बाद से इलाके में मातम पसरा हुआ है. बताया जा रहा है कि बच्चे को मोबाइल पर गेम (Online Game Addiction) खेलने की लत थी. फिलहाल पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन जांच में सूर्यांश के फ्री फायर गेम खेलने की आदत की बात सामने आई, जिसके बाद से पुलिस मामले की जांच कर रही है. इस बीच सरकार (Shivraj Government) ने भी मामले पर संज्ञान लिया और बड़ा निर्णय लिया है.

ऑनलाइन गेमिंग पर MP में लागू होगा एक्ट
भोपाल में बच्चे की आत्महत्या मामले को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. एडिक्शन वाले ऑनलाइन गेम्स को लेकर सरकार कड़ा कदम उठाने जा रही है. भोपाल में बच्चे के सुसाइड के बाद मामले पर सरकार ने संज्ञान लिया. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग को लेकर जल्द ही एमपी में एक्ट लाया जाएगा. एक्ट का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है, इसे प्रदेश में जल्द लागू किया जाएगा.

फ्री फायर गेम खेलने की थी लत
मिली जानकारी के मुताबिक मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. घरवालों से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि सूर्यांश अपने दादा के मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलने का आदी था. इस बात को लेकर उसे अक्सर फटकार लगाई जाती थी. सूर्यांश मौका मिलते ही मोबाइल में फ्री फायर गेम डाउनलोड कर लेता था और जब भी परिवार का कोई सदस्य देखता था तो वो गेम डिलीट कर देता था. पुलिस अंदाजा लगा रही है कि गेम की लत के कारण उसने इतना बड़ा कदम उठाया है.

फांसी पर लटका मिला शव
मामले पर स्टेशन बजरिया थाने के एसआइ कमलेश रायकवार ने बताया था कि योगेश ओझा शंकराचार्य नगर में रहते हैं. उनके दो बच्चों में सूर्यांश और एक तीन साल की छोटी बेटी है. बुधवार दोपहर में सूर्यांश अपने चचेरे भाई के साथ टीवी देख रहा था. कुछ देर बाद उसका भाई वहां से चला गया, जिसके बाद दोपहर करीब तीन बजे सूर्यांश की दादी कमरे में पहुंची, तो वहां उन्होंने सूर्यांश को फांसी पर लटके देखा. घरवाले उसे फंदे से उतारकर अस्पताल ले गए. चेकअप करने के बाद डाक्टर ने सूर्यांश को मृत घोषित कर दिया.