बेंगलुरु। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के विक्रम लैंडर (Vikran Lander) और प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) से अब तक कोई संकेत नहीं मिला है। हालांकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के वैज्ञानिक लगातार कोशिश कर रहे हैं। ताजा अपडेट यह है कि इसरो ने अब 14 दिन बाद एक बार फिर प्रयास करने का फैसला किया है।
इससे पहले शनिवार को इसरो ने एक अपडेट साझा करते हुए कहा कि उसने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ सम्पर्क स्थापित करने के प्रयास किए, ताकि उनकी जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके, लेकिन अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है।
6 अक्टूबर को अगले चंद्र सूर्यास्त तक इंतजार
विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को जगाने के लिए इसरो अब 6 अक्टूबर को अगले चंद्र सूर्यास्त तक इंतजार करेगा। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि अगर लैंडर और रोवर जाग गए तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। हम नहीं जानते कि यह कब जागेंगे। यह कल हो सकता है, या यह चंद्र दिवस के अंतिम दिन भी हो सकता है। हम कोशिश कर रहे हैं।
23 अगस्त को भारत ने रचा था इतिहास
अंतरिक्ष में 40 दिनों की यात्रा के बाद चंद्रयान -3 का विक्रम लैंडर 23 अगस्त को सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था। इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया था।
चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम के टचडाउन स्थान को शिव शक्ति बिंदु नाम दिया गया है। फिर इसमें से प्रज्ञान रोवर निकला था, जिसने चंद्रमा की सतह पर 100 मीटर से अधिक की दूरी तय की है। रोवर प्रज्ञान को 2 सितंबर को सुरक्षित रूप से पार्क किया गया और स्लीप मोड में सेट किया गया था।