सुबह-सुबह: हरियाणा में पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर, खट्टर सरकार ने…

सुबह-सुबह: हरियाणा में पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर, खट्टर सरकार ने...
Morning: Big news regarding Panchayat elections in Haryana, Khattar government...
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चंडीगढ़। हरियाणा में पंचायत चुनाव सितंबर में होंगे। प्रदेश सरकार ने पंच-सरपंचों और पंचायत समिति तथा जिला परिषद सदस्यों के चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक की डेडलाइन दी है। इस अवधि के भीतर चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी होगी। विकास एवं पंचायत विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। कुरुक्षेत्र के खंड लाडवा की संभालखा ग्राम पंचायत में चुनाव बाद में कराए जाएंगे। सरकार की हरी झंडी मिलते ही अब राज्य चुनाव आयोग की ओर से पंचायत चुनावों की अधिसूचना कभी भी जारी की जा सकती है।

शुक्रवार को पंचायत चुनाव की मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन कर भी कर दिया गया। चुनाव दो चरणों में संभावित हैं। पंच-सरपंच के चुनाव एक साथ तथा पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के चुनाव एक साथ करवाए जाएंगे। हालांकि राज्य चुनाव आयोग एक साथ ही पंचायतों के सभी 71 हजार 763 पदों पर चुनाव कराने की तैयारी में जुटा हुआ है।

हरियाणा में पंचायतों का कार्यकाल करीब डेढ़ साल पहले खत्म हो चुका है। पहले कोरोना संक्रमण और फिर पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण को हाई कोर्ट में चुनौती के चलते चुनाव नहीं हो सके। हाई कोर्ट ने विगत पांच मई को पंचायत चुनाव कराने के लिए हरी झंडी दे दी थी, लेकिन पहले 46 स्थानीय निकायों के चुनावों को प्राथमिकता दी गई। सरपंचों और जिला परिषद व ब्लाक समिति सदस्यों के लिए चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से कराए जाएंगे। इसके लिए राज्य चुनाव आयोग ने करीब 78 हजार ईवीएम राजस्थान-गुजरात सहित अन्य प्रदेशों से मंगवाई हुई हैं। पंचों का चुनाव मतपत्र द्वारा होगा।

इन पदों के लिए होंगे चुनाव

सरपंच 6226

पंच 62,040 पंच

पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं, 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं को
हाई कोर्ट के फैसले के अनुसार पंचायत चुनावों में भी निकायों की तरह पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। प्रदेश सरकार ने पंचायतों में पिछड़ा वर्ग के लिए आठ प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया था, लेकिन पंचायत चुनावों में इसे लागू नहीं किया जा सकेगा।

हालांकि पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया गया है, लेकिन उसे सर्वे करने और रिपोर्ट सरकार को सौंपने में काफी समय लगेगा। उसके बाद अगले चुनावों में ही पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिल सकता है। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण केवल सरपंच के पदों के लिए मिलेगा।