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मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में एक मां 11 साल बाद बिछड़े बेटे से मिलकर भावुक हो उठी। बिछड़ने के बाद जो मां रोज अपने बेटे को सपने में देखती थी आज वह उसके सामने खड़ा था। बेटे को कलेजे से लगाने के बावजूद मां को यह विश्वास नहीं हो पा रहा था। कुछ ऐसा दृश्य जिला जेल में बना तो देखने वाले भी भावुक हो गए।
असल में चोरी के इल्जाम में 3 माह से जेल में बंद युवक अतुल को उसके परिवार वालों से मिलाने का प्रयास जेल अधीक्षक की पहल पर शुरू हुआ था। 15 दिन की अथक मेहनत के बाद 11 साल पहले बिछड़ा अतुल उसकी बुजुर्ग मां को आज मिल चुका था।
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि तीन माह पहले अतुल नाम का एक युवक उनके जेल में चोरी के आरोप में आया था। उन्होंने बताया कि हर शनिवार, सोमवार को वह परेड करते हैं और बंदियों से मिलते हैं। इस दौरान जेल में निरुद्ध अतुल उन्हें मिला। इसके बारे में उन्होंने पूछा तो उसने जानकारी दी कि वह 11 पहले अपना घर छोड़ आया था। इसके बाद वह बुरी संगत में पड़ गया।
जिले का नाम कौशांबी और गांव बरगदी
बताया कि उसके पिता ने उसे डांट दिया था, जिससे क्षुब्ध होकर वह घर छोड़कर आ गया था। जेल अधीक्षक ने बताया कि युवक ने अपने जिले का नाम कौशांबी और गांव का नाम बरगदी बताया था। इसके बाद उन्होंने जेल प्रशासन को युवक के परिजनों का पता लगाने में जुटा दिया था। 15 दिन के अथक प्रयास के बाद गांव बरगदी पहुंचकर युवक के पिता चंद्रशेखर और उसकी माता सावित्री देवी को इस बारे में जानकारी दी गई।
मां बोलीं- कोई ऐसा दिन नहीं जब याद न किया हो
इसके बाद सावित्री देवी अपने बड़े बेटे को लेकर जिला जेल पहुंची। यहां वह 11 साल से बिछड़े अपने बेटे अतुल से मिल सकीं। जिला जेल पहुंचकर 11 साल बाद अपने बेटे से मिलीं सावित्री देवी ने बताया कि कोई दिन ऐसा नहीं गुजरा जिस दिन वह अपने बेटे को याद कर रोई न हों। बताया कि उसका दर्द कोई मां ही समझ सकती है।