मध्यप्रदेश: दलित दूल्हे की बारात पर बरसाए गए थे पत्थर, शिवराज सरकार ने आरोपियों के घरों को बुलडोजर से ढहाया

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भोपाल: मध्यप्रदेश में भी सरकार यूपी की तरह बुलडोजर का खूब प्रयोग कर रही है। राज्य के राजगढ़ जिले के जीरापुर में एक दलित की बारात पर दूसरे समुदाय के लोगों ने पत्थराव कर दिया था। इस हमले में कई लोग घायल हो गए थे, जिसके बाद प्रशासन ने आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चला दिया है।मिली जानकारी के अनुसार जीरापुर में गुरुवार को कम से कम 48 घरों को तोड़ दिया गया। इन घरों के बारे में प्रशासन ने कहा कि ये सभी सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने हुए थे। पुलिस के अनुसार, बारात मंगलवार रात करीब 11 बजे मस्जिद के बाहर से गुजर रही थी, तभी अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ सदस्यों ने तेज आवाज में संगीत बजने पर आपत्ति जताई।

राजगढ़ के पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने कहा कि दर्ज बयान के अनुसार बारतियों ने मस्जिद के पास से गुजरते समय म्यूजिक की आवाज को कम भी कर दिया था। उन्होंने कहा- “लेकिन दो समुदायों के सदस्यों के बीच कहासुनी हो गई और पथराव की सूचना मिली, जिसमें छह साल के एक बच्चे सहित कम से कम पांच लोग घायल हो गए। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर, हमने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।”
प्रदीप शर्मा ने आगे बताया कि इस मामले के आरोपियों ने आरोप लगाया कि उनके समुदाय की महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया था, हालांकि इसे लेकर अभी तक पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा- “प्राथमिकी में शुरुआत में छह लोगों के नाम थे लेकिन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। 21 आरोपियों की पहचान की गई है। पुलिस ने इनमें से छह आरोपियों के शस्त्र लाइसेंस भी निलंबित कर दिए हैं”।

पुलिस के अनुसार प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद, जीरापुर वार्ड नंबर 4 के लोगों को नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस के जरिए उन्हें बताया गया था कि उनका घर सरकारी जमीन पर बना हुआ है। जिसके बाद उसे तोड़ने की कार्रवाई की गई। अधिकारियों के अनुसार जिला अधिकारियों की एक टीम ने जीरापुर में 18 घरों को ध्वस्त कर दिया और अन्य 30 घरों को आंशिक रूप से तोड़ दिया।जीरापुर के तहसीलदार एआर चिरमन ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि कुल 48 घरों को ध्वस्त किया गया है। जिनमें से 18 आरोपी हैं। अन्य 30 घर हैं, जो माता मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर अतिक्रमण करके बनाए गए हैं, जो कि सार्वजनिक भूमि है।