मुख्तार अंसारी: देश में सबसे खूंखार है यूपी का ये गैंग, हाईकोर्ट की तल्‍ख टिप्‍पणी; कहा-बेहद परेशान करने वाली ये बात

Mukhtar Ansari: This gang of UP is the most dreaded in the country, High Court's strong comment; Said- this thing is very disturbing
Mukhtar Ansari: This gang of UP is the most dreaded in the country, High Court's strong comment; Said- this thing is very disturbing
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प्रयागराज. Mukhtar Ansari Gang: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि मुख्तार अंसारी का गिरोह देश का सबसे खूंखार आपराधिक गिरोह है। कोर्ट ने यह टिप्पणी मुख्तार गैंग के शूटर रामू मल्लाह की जमानत अर्जी खारिज करते हुए की। कोर्ट ने कहा कि यह बेहद परेशान करने वाली बात है की गवाहों के मुकर जाने के कारण खूंखार अपराधी गंभीर मुकदमों में बरी हो जाते हैं। किसी भी मुकदमे का निष्पक्ष ट्रायल तब तक संभव नहीं है, जब तक सरकार गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती।

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने रामू मल्लाह की जमानत पर सुनवाई के बाद दिया है। कोर्ट ने कुर्की का आदेश दिया तो पता चला कि रामू मल्लाह ने अपना जो पता दिया था वह फर्जी था। उसका वोटर आईडी कार्ड और ग्राम प्रधान द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र भी फर्जी पाया गया। पता चला कि वह दिए गए पते पर लंबे समय से नहीं रह रहा है। कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त न सिर्फ ट्रायल से भाग गया बल्कि उसने अदालत को भी धोखा दिया है। गंभीर अपराधों में उसके खिलाफ आठ मुकदमों का ट्रायल इस समय चल रहा है। वह ज्यादातर मुकदमों में इसलिए बरी हो गया क्योंकि गवाह अपने बयान से मुकर गए।

कोर्ट ने कहा कि यह बेहद ही परेशान करने वाला तथ्य है कि इस प्रकार के खूंखार अपराधी कई गंभीर मुकदमों में इसलिए छूट जाते हैं क्योंकि गवाहों को डराकर चुप कर देते हैं या फिर उन्हें खत्म ही कर देते हैं।अगर राज्य गवाहों को सुरक्षा नहीं दे पाता तो मुकदमे का निष्पक्ष निस्तारण संभव नहीं है। कोर्ट ने कहा कि मुकदमों में बरी हो जाने मात्र से उसके अपराध समाप्त नहीं हो जाते हैं। मौजूदा तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर कोर्ट ने रामू मल्लाह की जमानत नामंजूर करते हुए अर्जी खारिज कर दी है।

ट्रायल के समय फरार हो गया था मुख्तार का शूटर
रामू मल्लाह के खिलाफ मऊ के दक्षिण टोला थाने में 2010 में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। जिसमें जमानत के लिए अर्जी दाखिल की गई थी। कोर्ट ने पाया कि इसी मामले में हाईकोर्ट की एक बेंच ने आठ मई 2013 को उसे जमानत दी थी जबकि इसी केस में नामजद मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने मुकदमे का ट्रायल तीन माह में पूरा करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए इलाहाबाद में जब मुकदमे का ट्रायल शुरू किया तो रामू मल्लाह फरार हो गया।