देहरादून में पकडा गया मुजफ्फरनगर का गैंगस्टर, वजह जानकर उड जायेंगे होश

Muzaffarnagar gangster caught in Dehradun, you will be shocked to know the reason
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देहरादून। रजिस्ट्री फर्जीवाड़ में पुलिस ने मुजफ्फरनगर के एक गैंगस्टर को गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ पहले से 15 मुकदमे दर्ज हैं। उसने जाखन की जमीन को फर्जी दस्तावेज के आधार पर पहले अपने पिता के नाम कराया और बाद में वसीयत के आधार पर जमीन अपने नाम करा ली। इसके बाद उसने इस जमीन को एक नहीं बल्कि दो बार बेचकर करीब 85 लाख रुपये ठग लिए। गैंगस्टर ने इस धोखाधड़ी को अधिवक्ता कमल विरमानी और केपी सिंह के साथ मिलकर अंजाम दिया था।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गत 15 जुलाई को एआईजी स्टांप संदीप श्रीवास्तव ने देहरादून की चार जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनवाने के संबंध में कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। इस पूरे प्रकरण की जांच एसपी ट्रैफिक सर्वेश पंवार के नेतृत्व वाली एसआईटी कर रही है। इनमें जमीन स्वरूप रानी निवासी जाखन की भी थी। स्वरूप रानी की यह जमीन मुजफ्फरनगर निवासी मांगेराम के नाम पर थी। इसके संबंध में जब पुलिस ने जांच की तो मांगेराम के बेटे विशाल का नाम सामने आया। पता चला कि मांगेराम की मौत के बाद यह जमीन वसीयत के माध्यम से विशाल के नाम पर चढ़ गई है। पुलिस ने विशाल के संबंध में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह मुजफ्फरनगर का हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर है।

पुलिस टीम ने विशाल को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में विशाल ने बताया कि वह प्रॉपर्टी डीलिंग करता है। वर्ष 2018 में वह अपने किसी काम से देहरादून आया था। उस वक्त उसकी मुलाकात अधिवक्ता कमल विरमानी से हुई। विरमानी ने उसे स्वरूप रानी की जमीन के बारे में बताया और कहा कि अब स्वरूप रानी की मृत्यु हो चुकी है। उनकी दो बेटियां नोएडा और विदेश में रहती हैं। ऐसे में इस जमीन को फर्जी तरीके से बेचकर अच्छा माल कमाया जा सकता है। इस पर वह तैयार हो गया और विरमानी के कहने पर केपी सिंह व वकील इमरान से मिला। केपी सिंह के माध्य मे 1978 का फर्जी बैनामा बनाकर विशाल ने यह जमीन अपने पिता मांगे राम के नाम कर रजिस्ट्रार कार्यालय में दर्ज करा दी।

2.90 करोड़ रुपये में कर दिया दो बार सौदा
जमीन को अपने पिता के नाम कराने के साथ-साथ उसने इसकी वसीयत भी करा ली। जब मांगे राम की मौत हुई तो यह जमीन विशाल के नाम पर चढ़ गई। अब विशाल ने इस जमीन का सौदा संजय शर्मा के साथ 2.90 करोड़ रुपये में कर दिया और इसकी रजिस्ट्री शर्मा की पत्नी रेखा शर्मा के नाम कर दी। इससे विशाल को कुल 45 लाख रुपये मिले, जिसका हिस्सा विरमानी, इमरान, केपी सिंह को भी दिया गया। लेकिन, इस जमीन के दाखिल खारिज में पेच फंस गया। इसके बाद आरोपियों ने इसके लिए एक दलाल रकम सिंह से संपर्क किया। रकम सिंह ने कमल जिंदल को इस जमीन का सौदा करा दिया और 40 लाख रुपये दिलवा दिए। यह रकम भी चारों ने आपस में बांट ली।

इसी साल मार्च में राजपुर में भी हुआ था मुकदमा
जमीन को फर्जी तरीके से बेचने का पता स्वरूप कुमारी की बेटी मीनाक्षी सूद को चल गया। उन्होंने इसकी शिकायत गत मार्च में राजपुर पुलिस को कर दी। पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा विशाल और संजय शर्मा के खिलाफ दर्ज कर लिया। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो विशाल ने एक और चाल चली। जब पुलिस ने रजिस्ट्री मांगी तो आरोपी विशाल ने रजिस्ट्री खोए जाने की बात कही। इसका इस्तिहार भी अखबारों में छपवा दिया।

गलत चार्जशीट दाखिल करने पर आईओ अटैच
एसएसपी ने बताया कि राजपुर थाने में दर्ज मुकदमे में आईओ ने ठीक से जांच नहीं की। ऐसे में उसने जालसाजी की धाराओं को हटाकर केवल धोखाधड़ी के आरोप में ही चार्जशीट गत सात जुलाई को कोर्ट में दाखिल कर दी। उसकी इस चूक पर आईओ दरोगा सुमेर सिंह को कार्यालय से अटैच कर दिया गया है। अब इस मुकदमे विवेचना भी एसआईअी की निगरानी में की जाएगी।