
मुजफ्फरनगर। शहर की घनी बस्तियों में पशु डेयरी का संचालन के मामले में प्रशासन की टीम ने 25 डेयरियों की जांच की। चार विभागों के अधिकारियों ने तीन मोहल्लों में अभियान चलाया। पालिका के अफसरों का कहना है कि नोटिस के साथ ही कुछ डेयरी संचालकों पर पशु क्रूरता में एफआईआर कराई जाएगी।
नगर पालिका क्षेत्र में घनी आबादी के बीच पशु डेयरियों का संचालन करने और गोबर नालियों में बहाने के मामले में सोमवार को केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान ने साकेत कॉलोनी में सभासद रितु त्यागी की शिकायत पर निरीक्षण किया था। घरों में पशु डेयरी चलते हुए पाए जाने पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। मंगलवार को अधिकारियों की संयुक्त टीम ने शहर के वार्ड 26 के अंतर्गत साकेत, ब्रह्मपुरी और मल्हुपुरा में घनी आबादी में चल रही पशु डेयरियों पर छापामार कार्रवाई की।
इस दौरान टीम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विद्युत विभाग, पशुपालन विभाग और नगर पालिका परिषद के अधिकारी शामिल रहे। भाजपा नेता देवेश कौशिक के साथ अधिकारियों ने बस्ती में चल रही पशु डयेरियों पर जाकर सघन जांच पड़ताल की। डेयरी में पानी, बिजली का व्यवसायिक कनेक्शन नहीं मिला। क्षमता से अधिक पशु मौके पर मिले।
नगरपालिका परिषद के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार ने बताया कि नियमानुसार डेयरियों पर जुर्माना और विभागीय रिपोर्ट के बाद संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। बृहस्पतिवार को कृष्णापुरी और दूसरे क्षेत्रों में विभागीय टीमों जांच करेगी।
एक भैंस के लिए चाहिए साढ़े तीन वर्ग मीटर जगह
पशुपालन विभाग से आई टीम ने पशु क्रूरता के लिए जांच पड़ताल की। एक भैंस के लिए कम से कम चार वर्गमीटर और गाय के लिए साढ़े तीन वर्गमीटर स्थान आवश्यक है, लेकिन इससे कम स्थान पर पशु बांधे हुए पाए गए। जलकल विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वह पानी के दुरुपयोग को लेकर भी जांच शुरू करें। जहां कामर्शियल कनेक्शन नहीं होगा, वहां पर कनेक्शन कराया जाएगा।