मुजफ्फरनगर- गन्ने के खेत बने तालाब, तैर रहीं मछलियां

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मुजफ्फरनगर। जिले के किसान मछली पालन की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। दस किसान ऐसे हैं, जिन्होंने अपने गन्ने वाले खेतों में तालाब बनाकर मछली पालन शुरू कर दिया है। किसान प्रधानमंत्री मत्स्य योजना में सरकार से मिलने वाली छूट का लाभ भी उठा रहे हैं। किसानों का कहना है कि उनकी आय बढ़ी है।
तालाबों और झीलों में मछली पालन के साथ सरकार ने अपने खेतों में तालाब बनाकर मछली पालन करने वाले किसानों को छूट देने की योजना चलाई है। प्रधानमंत्री मत्स्य योजना में किसान को अपने खेत में तालाब बनाने पर खर्च की 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। किसान यदि एससी या महिला है तो यह छूट 60 प्रतिशत कर दी जाती है। सरकार ने एक हेक्टेयर में खोदाई से लेकर मछली का बीज डालने तक का समस्त खर्च 11 लाख माना है। इसी के आधार पर छूट तय की जाती है। इस योजना में अभी तक दस किसान पंजीकृत हैं जो अपने खेतों में मछली पालन कर रहे हैं। इनमें एक महिला और एक अनुसूचित जाति का है।

लछेड़ा के किसान प्रवीण कुमार का कहना है कि वह चार साल से मछली पालन कर रहा है। उसे एक साल में 60 हजार प्रति बीघा तक आय का औसत आ रहा है। गन्ने से दोगुनी आमदनी है। मैने अपनी 17 बीघा जमीन में तालाब बनाया है। दो साल से पीएम मत्स्य संपना योनजा में काम कर रहे हैं। इसी गांव की महिला किसान राजेश देवी का कहना है कि उन्होंने अपनी 11 बीघा जमीन में तालाब बनाया है। गन्ने से दोगुनी आमदनी हो रही है। अब हमने गन्ने की खेती छोड़ दी है। सरकार मछली पालन को प्रोत्साहित भी कर रही है। –

इन किसानों ने खेतों में बनाए तालाब

प्रधानमंत्री मत्स्य योजना में लच्छेड़ा के प्रवीण कुमार और राजेश देवी ने अपने खेत में तालाब बनाया है। खांजापुर के शमीम अहमद, इसहाकवाला के सारिक, रसूलपुर के जगपाल, तिसंग के उधमसिंह, दधेडूकलां के मुकर्रम, कसियारा के पंकज बाबरे, किनोनी के मदन सिंह, कसौली के तसलीम शामिल है।

किसानों को किया जा रहा प्रोत्साहित

जिला मत्स्य अधिकारी राजेलाल का कहना है कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में किसान अपने खेतों में मछली पालन कर रहे हैं। आय को देखते हुए किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अभी इस योजना में दस किसान पंजीकृत हैं। एक हेक्टेयर में सरकार ने 11 लाख का खर्च माना है, जिसमें छूट के रूप में सामान्य किसानों को 40 प्रतिशत और एससी और महिला को 60 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।