प्रेमिका से मिलने गये मुजफ्फरनगर के युवक का मेरठ में काट दिया सिर, नाले में ऐसे हाल में मिली लाश

Muzaffarnagar. The body with severed head and hands found on September 9 in a drain on Agricultural University-Pabarsa road in Daurala, Meerut, was identified on Wednesday. The body was found to be that of Monty (24), resident of Nona village of Mansoorpur, Muzaffarnagar. Monty was missing after leaving home on the night of 28 August.
Muzaffarnagar. The body with severed head and hands found on September 9 in a drain on Agricultural University-Pabarsa road in Daurala, Meerut, was identified on Wednesday. The body was found to be that of Monty (24), resident of Nona village of Mansoorpur, Muzaffarnagar. Monty was missing after leaving home on the night of 28 August.
इस खबर को शेयर करें

मेरठ/मुजफ्फरनगर। मेरठ के दौराला में कृषि विश्वविद्यालय-पबरसा मार्ग पर नाले में नौ सितंबर को मिला सिर और हाथ कटे शव की बुधवार को पहचान हो गई। शव मुजफ्फरनगर मंसूरपुर के नोना गांव निवासी मोंटी (24) के रूप में हो गई। मोंटी 28 अगस्त की रात घर से जाने के बाद से लापता था। उसके खिलाफ गांव के एक परिवार ने बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मंसूरपुर पुलिस पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार सूरजकुंड कराने ले गई तो मोंटी के परिजनों ने हंगामा कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें शव गांव ले जाने दिया।

वहीं, मोंटी के परिजनों ने गांव की निशा नाम की युवती के परिजनों पर हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि मोंटी का निशा से प्रेम-प्रसंग था। वह उससे मिलने के लिए 28 अगस्त की रात घर गया था। परिजनों ने उसे पकड़कर मार दिया। हो सकता है कि निशा की भी हत्या कर दी गई हो।

बता दें कि नौ सितंबर को सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय-पबरसा रोड पर नाले में एक शव बरामद हुआ था। सिर और हाथ कटा था। पुलिस ने शव को मोर्चरी भेज दिया था। दौराला पुलिस ने शव की पहचान कराने के लिए फेसबुक पर बनाए ग्रुपों और थानों के 1626 ग्रुप में फोटो भेजे थे। मंसूरपुर पुलिस ने फोटो देखे तो नोना गांव से लापता चल रहे मोंटी पुत्र सुरेश के परिवार वालों को जानकारी दी। मोंटी के भाई-बहन और परिवार वाले मोर्चरी पहुंचे तो उन्होंने शव की पहचान कर ली।

उन्होंने बताया कि मोंटी की गर्दन पर टैटू बना हुआ था। उसके हाथ पर माता-पिता का नाम लिखा था। शायद इस वजह से ही हत्यारों ने उसकी गर्दन और हाथ काटकर शव फेंका ताकि उसकी पहचान न हो। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मंसूरपुर पुलिस शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए सूरजकुंड श्मशान घाट ले आई। इस पर मोंटी के परिजनों ने विरोध कर दिया। कई घंटे तक हंगामा हुआ। परिजनों ने कहा कि वे अंतिम संस्कार गांव में ही कराएंगे। हंगामे के बाद परिजन शव लेकर मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए।

छह भाई-बहनों में सबसे छोटा था मोंटी
मोंटी चार भाईयों संजू, गोविंद, अरविंद और दो बहनों मनीषा और निशा में सबसे छोटा था। वो चंडीगढ़ में दिन में सैलून की दुकान पर काम करता था। रात को गार्ड की नौकरी करता था। भाइयों ने बताया कि रक्षा बंधन पर मोंटी 22 अगस्त को गांव आया था। 28 अगस्त की रात वह घर से गायब हो गया। 29 अगस्त की सुबह पांच बजे गांव की युवती के परिजनों ने बताया कि मोंटी उनकी बेटी को बाइक पर अगवा करके ले गया है। इसके बाद से परिजन उसकी तलाश कर रहे थे लेकिन उसके बारे में कहीं पता नहीं चला। उसका मोबाइल तब से ही बंद आ रहा था। भाइयों ने बताया कि वे अनुसूचित जाति समाज हैं, युवती भी उनके समाज से ही है।

युवती के परिजनों ने कहा था, युवती को अगवा कर ले गया मोंटी
मोंटी के परिवार वालों ने बताया कि क्षेत्र की युवती के साथ मोंटी का प्रेस-प्रसंग था। 29 अगस्त की सुबह युवती के भाईयों सचिन, ऋषि और पिता सतीश ने उनके घर आकर बताया कि मोंटी युवती (18) को अगवा करके ले गया। उसे बाइक से जाते हुए देखा है। इसके बाद उन्होंने मंसूरपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी कि मोंटी उनकी बेटी को बहला फुसलाकर ले गया है। निशा घर में रखे पचास हजार रुपये, घर के जेवर और मोबाइल साथ ले गई है। मंसूरपुर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

अंतिम संस्कार से किया इनकार
मेरठ से मोंटी का शव देर रात नोना गांव पहुंचा। आसपास के लोग एकत्र हो गए। परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। मंसूरपुर और खतौली थाने की पुलिस गांव पहुंची। पुलिस समझाने बुझाने का प्रयास कर रही है, लेकिन परिजन नहीं माने। गांव में सुबह से ही भीड़ जमा है।