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मुजफ्फरनगर। शहर के दो बड़े अस्पतालों ने टैक्स निर्धारण के दौरान तथ्य छिपाते हुए नगर पालिका परिषद् को 7.32 लाख रुपये से अधिक का चूना लगा दिया। इसके साथ ही इन अस्पतालों में अवैध पार्किंग भी पाई और अस्पतालों के द्वारा व्यवसायिक लाइसेंस भी पालिका से नहीं लिया और अवैध रूप से इन अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है। ये सारा खुलासा भाजपा सभासद की शिकायत के बाद कराई गई जांच में हुआ है। अब पालिका प्रशासन ने दोनों अस्पतालों पर शिंकजा कसते हुए पांच साल तक किये गये करअपंवन में अपवंचित राशि जमा कराने और अन्य मामलों में नोटिस जारी करते हुए साक्ष्यों सहित स्पष्टीकरण मांगा है। एक सप्ताह में जवाब नहीं देने पर पालिका इन पर बड़ा जुर्माना तय करने की कार्यवाही करेगी। इसमें आनंद हॉस्पिटल द्वारा 286020 और राजवंशी हॉस्पिटल द्वारा 446600 का कर अपवंचन करने का आरोप है।
नगरपालिका परिषद् के वार्ड 20 के सभासद और भाजपा नेता हनी पाल द्वारा 23 अगस्त को पालिका के कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार यादव को शिकायत पत्र देते हुए शहर के भोपा रोड स्थित आनंद हॉस्पिटल और नई मंडी वकील रोड स्थित राजवंशी हॉस्पिटल के द्वारा अवैध पार्किंग करते हुए अन्य अनियमितता बरते जाने के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। उनका कहना था कि अवैध पार्किंग के कारण लोगों को भारी परेशानी होती है और जाम की समस्या बनी रहती है। इनके द्वारा पालिका को राजस्व हानि पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया था। सभासद की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कर निर्धारण अधिकारी ने राजस्व निरीक्षकों की संयुक्त टीम से दोनों अस्पतालों का भौतिक सत्यापन कराया, इसके बाद जांच आख्या राजस्व निरीक्षकों ने उनको सौंप दी।
सूत्रों के अनुसार इस जांच में दोनों अस्पतालों में बड़ी गंभीर अनियमितता पाई गई है। दोनों अस्पतालों के मालिकों के द्वारा पालिका को 7.32 लाख रुपये का कर अपवंचन करते हुए आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। इसके साथ ही व्यवसायिक लाइसेंस भी नहीं लिया गया है। अवैध पार्किंग के आरोप भी सही साबित हुए हैं। बताया गया कि भोपा रोड पर द्वारिकापुरी स्थित भवन संख्या 272 में आनंद हॉस्पिटल चलाया जा रहा है। इसके मालिक डॉ. राजेश मारवाह और श्रीमती वकीश मारवाह के द्वारा भवन के टैक्स निर्धारण के दौरान तथ्यों को छुपाकर वार्षिक मूल्यांकन में गड़बड़ी की गई। इस भवन का वार्षिक मूल्यांकन 5 लाख 64 हजार 840 रुपये बैठता है, लेकिन इनके द्वारा 2 लाख 78 हजार 820 रुपये ही वार्षिक मूल्यांकन तय कराते हुए सालाना 2 लाख 86 हजार 20 रुपये का कर अपवंचन जांच में पकड़ा गया है। इसके लिए अब पालिका के टैक्स विभाग ने आनंद हॉस्पिटल से अपवंचित धनराशि वसूलने के लिए नये सिरे से वार्षिक मूल्यांकन तय किया और इसके अंतर में 57204 रुपये वार्षिक टैक्स बकाया दर्शाया है। यह अंतर वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच साल के लिए वसूला जायेगा। इसके साथ ही आनंद हॉस्पिटल में पार्किंग के लिए बनवाये गये बेसमेंट में अस्पताल के मेडिकल स्टोर और अन्य मेडिकल गतिविधि चलते हुए पाई गई, जबकि पार्किंग अवैध रूप से रोड पर की हुई थी। जांच टीम को वहां पर 40 दो पहिया और 10 चार पहिया वाहन पार्क मिले, तो वहीं आनंद हॉस्पिटल द्वारा पालिका से निर्गत व्यवसायिक लाइसेंस भी नहीं दिखाया गया। यह लाइसेंस अस्पताल द्वारा बनवाया ही नहीं गया था। पालिका ने पांच साल के लिए आनंद हॉस्पिटल पर 286020 रुपये का गृहकर और जलकर के रूप में कर अपवंचन का आरोप लगाया है। हर साल हॉस्पिटल द्वारा पालिका को कम टैक्स चुकाया गया है।
वहीं नई मंडी के राजवंशी हॉस्पिटल में भी इसी प्रकार की वित्तीय और अन्य अनियमितता पाई गई। इसके लिए अस्पताल संचालक डॉ. सुशील राजवंशी एवं मिनाक्षी राजवंशी पर अस्पताल भवन का वार्षिक संपत्ति मूल्यांकन 6 लाख 58 हजार 656 रुपये जांच टीम ने आंका है और यहां पर 4465964 रुपये का कर अपवंचन पकड़ा गया है। इसके तहत पालिका द्वारा राजवंशी हॉस्पिटल पर 89320 रुपये वार्षिक कर अपवंचन आगणित करते हुए साल 2020 से 2024 तक पांच साल के लिए 4 लाख 86 हजार 600 रुपये का बकाया टैक्स तय किया है। इसके साथ ही जांच के दौरान राजवंशी हॉस्पिटल की अपनी कोई भी पार्किंग भूमि नहीं पाई गई। सड़क की भूमि पर ही अवैध पार्किंग की जा रही है। यहां टीम को जांच में 35 दो पहिया और 5 चार पहिया वाहन खड़े मिले। तो वहीं राजवंशी हॉस्पिटल पर भी पालिका का व्यवसायिक लाइसेंस नहीं पाया गया।
कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव ने बताया कि सभासद हनी पाल की शिकायत पर राजस्व निरीक्षकों की संयुक्त टीम गठित करते हुए आनंद और राजवंशी हॉस्पिटल्स की जांच कराई गई। इसमें गंभीर अनियमितता पाई गई हैं। दोनों हॉस्पिटल द्वारा तथ्य छिपाते हुए भवन का वार्षिक संपत्ति मूल्यांकन कराकर कम टैक्स लगवाकर पालिका को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। कर अपवंचन के मामले में पालिका अधिनियम की धारा 1916 की धारा 146 में दिये गये प्रावधान के अनुसार अपवंचित राशि का दोगुना शुल्क वसूलने का नियम है। इसके तहत ही दोनों अस्पतालों में अवैध पार्किंग मिली और लाइसेंस नहीं पाया गया। इसके लिए दोनों अस्पतालों के मालिकों को नोटिस जारी करते हुए अनियमितता के जवाब में एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। जवाब नहीं देने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार दूसरे बड़े व्यवसायिक भवनों की भी जांच कराये जाने का काम पालिका द्वारा किया जायेगा।