मुजफ्फरनगर। केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने लाइब्रेरी खोलने का निर्णय किया है। इसकी शुरुआत वह मुजफ्फरनगर में अपने पैतृक गांव कुटबी के घर से करेंगे। लाइब्रेरी में भारतीय व विदेशी साहित्य, इतिहास और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए आवश्यक पुस्तकों की व्यवस्था की जाएगी। कंप्यूटर से लैश इन लाइब्रेरियों से युवा विभिन्न प्रतियोगी एवं अन्य परीक्षाओं के लिए आनलाइन फार्म भी भर सकेंगे। लाइब्रेरी का संचालन ग्राम पंचायतों को सौंप दिया जाएगा। जिले में ऐसी 100 लाइब्रेरी का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री बोले- पढ़ाई से ही बदलेगी गांवों की तस्वीर
डा. संजीव बालियान कहते हैं कि ज्ञान एक पूंजी है। ये एक ऐसी कुंजी भी है जिससे प्रत्येक क्षेत्र में तरक्की का ताला खुलता है। लेकिन किताबों के प्रति घटता मोह एवं अभावग्रस्त बच्चों के लिए उनकी उपलब्धता कम होने से मुश्किल पैदा हो रही है। ऐसे माहौल में जरूरी है कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा वर्ग को उपयोगी किताबों की समय पर उपलब्धता रहे। कहते हैं कि डिजीटिलाइजेशन से चीजे आसान हुई हैं, जीवन सुविधामय हुआ। लेकिन लगता है कि सतही ज्ञान किताबों से ही मिल सकता है। इसलिए आधुनिक ज्ञान के स्त्रोत के साथ सीधे किताबों से जुड़ना आवश्यक है।
इसके लिए पढने की आदत डालना और उसे कायम रखने के लिए लाइब्रेरी महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। गांव में पढ़ाई लिखाई का माहौल कायम रहेगा तो समाज की तस्वीर भी अलग ही रहेगी। किताबे आर्थिक, सामाजिक और मानसिक उन्नयन का मार्ग बनाती हैं।
घर के एक हिस्से में लाइब्रेरी संचालित करेंगे
राज्यमंत्री ने बताया कि वह अपने इस संकल्प की शुरुआत पैतृक गांव कुटबी के अपने घर से करेंगे। वह घर के एक हिस्से में लाइब्रेरी संचालित कराएंगे। जहां पढ़ने के लिए ज्ञानवर्द्धक किताबों की व्यवस्था, कंप्यूटर, इंटरनेट, पानी बिजली एवं पढ़ाई के लिए आवश्यक वातावरण बनाने का प्रयास किया जाएगा। कहते हैं कि इसी माडल पर वह जिले के अन्य कम से कम 100 गांवों में लाइब्रेरी की स्थापना कराएंगे। जिनका संचालन ग्राम पंचायत या किसी भी जिम्मेदार संस्थाओं को सौंपा जाएगा। जिनकी मदद के लिए वह हमेशा तैयार रहेंगे।
लाइब्रेरियों के लिए कई NGO से भी मांगी मदद
केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने बताया कि लाइब्रेरी स्थापना एवं उनके सुगम संचालन के लिए उन्होंने कई एनजीओ से मदद मांगी है। जिले के ऐसे काफी लोग हैं जो उनका संकल्प पूरा कराने में मदद के लिए तैयार हैं। विभिन्न क्षेत्रों के कई सफल व्यक्तियों की मदद भी लाइब्रेरी संचालन तथा प्रबंधन के मामले में ली जाएगी। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य एक वर्ष में अपने संकल्प को पूरा करने का है। वह ऐसे लोगों से संपर्क कर रहे हैं, जिनके गांव में उनके निवास या तो खाली हैं या फिर उनमें लाइब्रेरी स्थापना को आवश्यक जगह उपलब्ध हो सके।