मुजफ्फरनगर जिला पंचायत की बोर्ड बैठक हल्के फुल्के हंगामे के बीच सम्पन्न

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मुजफ्फरनगर। जिला पंचायत की बोर्ड बैठक हल्के फुल्के हंगामे के बीच सम्पन्न हो गई। विपक्ष की उनको अनदेखा करने की आशंकाओं के बीच हुई इस बैठक में जनपद के ग्रामीण क्षेत्र के विकास को लेकर पूरा जोर दिया गया। करीब 34 कारोड़ रुपये के निर्माण कार्यों की कार्ययोजना को ‘सबका साथ सबका विकास’ की नीति को अपनाते हुए सदन में मंजूरी प्रदान की गई। इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष को नई गाड़ी, सौर लाइट लगाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित किया गया। जबकि भाजपा के दो विधायकों द्वारा दिये गये 48 निर्माण कार्यों के प्रस्तावों सहित 4 प्रस्तावों को सर्वसम्मति से निरस्त कर दिया गया।

जिला पंचायत की बोर्ड बैठक का आयोजन आज गुरूवार को 1 बजे चौ. चरण सिंह सभाकक्ष में किया गया। इस बोर्ड मीटिंग को लेकर सत्ता और विपक्ष दोनों ही सतर्क नजर आये। 11 बजे ही जिला पंचायत अध्यक्ष अपने समर्थक 30 जिला पंचायत सदस्यों को लेकर कार्यालय पहंुच गये थे। 11ः30 बजे तक सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सभाकक्ष में अपना स्थान भी ग्रहण कर लिया था। यह पहली बार रहा कि किसी जिला पंचायत बोर्ड मीटिंग में सत्ता पक्ष इस तरह से निर्धारित समय से करीब दो घंटे पहले पहुंच गया हो। 1 बजे जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल की अध्यक्षता में बोर्ड मीटिंग की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी। अपर मुख्य अधिकारी जितेन्द्र सिंह ने सदन में 13 सूत्री एजेण्डा प्रस्तुत किया। इसमें एक विशेष प्रस्ताव भी शामिल रहा। एजेण्डे पर बिन्दुवार चर्चा से पहले ही विपक्षी सदस्यों ने विकास कार्यों केे लिए बनाई गई योजना में विपक्ष के क्षेत्रों की अनदेखी करने के आरोप लगाये। इसके साथ ही एजेण्डा के साथ कार्ययोजना नहीं भेजने का लेकर भी अपनी आपत्ति दर्ज की। विपक्ष ने बोर्ड मीटिंग के एजेंडा में बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक और पुरकाजी विधायक प्रमोद उटवाल के द्वारा निर्माण कार्य कराने के भेजे गये प्रस्तावोें का भी विरोध करते हुए इसे निरस्त करने की मांग की।

उमेश मलिक ने 43 और प्रमोद उटवाल ने 5 निर्माण कार्यों के प्रस्ताव जिला पंचायत को भेज हैं। इसके अलावा प्रमोद उटवाल ने 1.30 करोड़ रुपये से बरला-बसेडा रोड के लेपन कार्य जिला पंचायत से कराने का प्रस्ताव भी भेजा। विधायकों के इन तीनों प्रस्तावों और उ.प्र. विधान परिषद की याचिका समिति द्वारा भेजे गये घटायन से ग्राम खेडी कुरैश होते हुए नंगला रु( मार्ग के निर्माण के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से निरस्त कर दिया गया। इसके अतिरिक्त शेष एजेण्डा में शामिल प्रस्तावों को सदन ने अपनी मंजूरी प्रदान की। विपक्ष ने जिला पंचायत अध्यक्ष से मांग करते हुए कहा कि आगामी बोर्ड मीटिंग के लिए एजेण्डा के साथ विकास प्रस्तावों पर कार्ययोजना भी साथ भिजवाने की व्यवस्था की जाये, ताकि सभी को पता चल सके कि क्या कार्य होने जा रहा है। विपक्ष ने यह भी कहा कि उनकी अनदेखी न की जाये और उनके वार्डों में भी प्राथमिकता पर निर्माण एवं विकास कार्य स्वीकृत कराया जाये।

एएमए जितेन्द्र सिंह ने बताया कि आज सम्पन्न हुई बोर्ड मीटिंग में करीब 34 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्यों को सदन ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही 4 प्रस्ताव निरस्त हुए हैं। बोर्ड मीटिंग में जिला पंचायत कार्यालय में सौर ऊर्जा से लाइट लगवाने, अध्यक्ष के लिए गाड़ी खरीदने, जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा बनाई गई 6 समितियों का अनुमोदन किया गया है। इसके साथ ही जिला पंचायत के विभिन्न वादों की पैरोकारी करने के लिए हाईकोर्ट इलाहाबाद में निपुन सिंह एडवोकेट को नियुक्त करने के प्रस्ताव पर भी सदन ने मंजूरी प्रदान की है।

बोर्ड मीटिंग में सदन में विपक्ष के नेता जिला पंचायत सदस्य सतेन्द्र बालियान को छोड़कर शेष 42 सदस्य मौजूद रहे। बैठक में पहुंचे सदस्य पति को बैठक शुरू होने से पहले ही सदन से बाहर भेज दिया गया। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल के साथ मुख्य अधिकारी सीडीओ आलोक यादव, वित्तीय परामर्शदाता विकास चौहान, एएमए जितेन्द्र सिंह सहित अन्य सदस्य व अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।