मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर की कोर्ट ने 10वीं की छात्रा का अपहरण कर 8 दिन तक रेप करने की घटना का सुनवाई कर दोषी को 10 साल कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। 8 वर्ष पहले घर में मौजूद बालिका को कुछ काम कराने के बहाने से ले जाकर अपहरण कर लिया गया था।
विशेष लोक अभियोजक विक्रांत राठी, प्रदीप बालियान ने बताया कि शहर कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ला से 8 वर्ष पहले 10वीं की छात्रा का अपहरण कर रेप किया गया था। उन्हाेंने बताया कि घटना 13 मार्च 2016 की है। इस मामले में 21 मार्च 2016 को पीड़िता के पिता ने शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि मोहल्ला रामपुरी मंदिर वाली गली का निवासी मोनू पुत्र स्व. नरेन्द्र उसकी पुत्री को घर से कुछ काम कराने के बहाने से ले गया था। जिसके बाद उसका अपहरण कर लिया गया। आरोपित उसकी पुत्री से शादी की करने की बात कहकर इलाहाबाद ले गया। जहां एक होटल में रख उसके साथ 8 दिन तक रेप किया गया। जिसके बाद पुलिस ने उसकी पुत्री को बरामद किया। बताया कि पुलिस ने इस मामले में आरोपित के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था।
विशेष लोक अभियोजक विक्रांत राठी, प्रदीप बालियान ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई पोक्सो एक्ट कोर्ट संख्या एक की जज रीमा मल्होत्रा ने की। अभियोजन ने कोर्ट में 7 गवाह पेश किये। विशेष लोक अभियोजक विक्रांत राठी, प्रदीप बालियान ने बताया कि पैरोकार बलराम की विशेष भूमिका रही। दोनाें पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने मोनू पुत्र नरेन्द्र को दोषी ठहराया। कोर्ट ने मोनू को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई। उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।