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नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया है। उन्होंने कहा कि इतनी जांच और इतने छापों के बावजूद चवन्नी नहीं मिली है। संजय सिंह के परिजनों से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोला और उन्हें अबतक का ‘भ्रष्टतम प्रधानमंत्री’ करार दिया। वह अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ AAP सांसद के परिवार वालों से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे थे। सिंह को दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है। ईडी ने बुधवार सुबह-सुबह उनके आवास पर छापा मारा। करीब 10 घंटे की छापेमारी के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया। शराब घोटाला मामले में ही करीब 7 महीने पहले दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था। उनकी अबतक जमानत नहीं हो पाई है और वह जेल में हैं।
संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल ने कहा कि यह पूरी तरह गैरकानूनी है और प्रधानमंत्री मोदी की घबराहट को दिखा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सिंह की गिरफ्तारी को ‘पूरी तरह से अवैध’ करार देते हुए दावा किया कि वर्ष 2024 के संसदीय चुनाव से पहले और अधिक विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले के संबंध में बुधवार सुबह आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य सिंह के घर पर छापा मारा और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
आप के राष्ट्रीय संयोजक ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘संजय सिंह की गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध है। यह (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी की घबराहट को दर्शाता है। वे चुनाव तक कई और विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करेंगे।’
इससे पहले दिन में, केजरीवाल ने सिंह के आवास पर ईडी की छापेमारी को उस पार्टी का ‘आखिरी हताशापूर्ण प्रयास’ करार दिया और कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनावों में हार की आशंका है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि ऐसे कई छापे पड़ेंगे लेकिन डरने की कोई बात नहीं है।
केजरीवाल ने दावा किया कि उनके खिलाफ हजारों छापे मारे गए हैं, लेकिन आज तक एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंह के घर से भी कुछ नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘भाजपा घबरा गई है। उसको लगता है कि वर्ष 2024 के आम चुनाव में उसे भारी हार का सामना करना पड़ेगा। ये एक हारने वाली पार्टी की आखिरी हताशापूर्ण कोशिशें हैं। कल यह कई पत्रकारों के साथ हुआ, अब यह संजय सिंह के साथ हो रहा है, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, ऐसा कई लोगों के साथ होगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा इस तरह की छापेमारी और बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, ‘चुनाव के नजदीक आते ही ईडी, सीबीआई, आयकर और पुलिस, सब सक्रिय हो जाएंगे। इस तरह के और छापे मारे जाएंगे। लेकिन डरने की जरूरत नहीं है।’
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए और दावा किया कि छापे के पीछे लोकसभा चुनाव में हार का डर है। उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से तीन अक्टूबर को पत्रकारों को निशाना बनाया गया, वह सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ किसी भी आवाज को दबाने की कोशिश की ओर भी इशारा करता है, जो मेरे विचार से लोकतंत्र के खिलाफ है। भाजपा को लोगों पर भरोसा करना चाहिए। आवाजों को दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग करने से चुनाव नहीं जीता जा सकता है, यह इतिहास बताता है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं विश्वास के साथ कह सकती हूं कि 15 महीने से जारी जांच की तरह, संजय सिंह के घर, गांव या कार्यालय से भ्रष्टाचार का कोई भी सबूत नहीं मिलेगा, भले ही वे दस बार छापेमारी करें।’
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह एक काल्पनिक घोटाला है जिसकी पिछले 15 महीनों से जांच चल रही है। आप की मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने छापेमारी को ‘प्रतिशोध’ की राजनीति करार दिया।