मुजफ्फरनगर में भाकियू के धरने पर गरजे नरेश टिकैतः बोलेः सरकार सुधर जाये, नहीं तो…

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मुजफ्फरनगर। धरने को सम्बोधित करते हुए भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने कहा कि देश के किसानों को न तो सम्मान मिल रहा और न ही दाम मिल रहा है। सरकार को सोचना चाहिए, किसान ज्यादा नहीं मांग रहा है, दिल्ली की तरफ उनकी निगाह है। आज किसानों को बदनाम करने की साजिश चल रही है। अफसरों को भी सुधरना होगा, हम खुद भी बहुत सुधर गये हैं।

भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि हमने शहरवासियों की समस्याओं को देखते हुए बहुत किसानों को रोका है। 17 फरवरी की सिसौली पंचायत में हम बड़ा निर्णय लेने वाले थे, लेकिन इसका टाल दिया गया। 2014 में मेरठ की अपनी पहली रैली में नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि यदि हमारी सरकार आ गई तो किसानों को सम्मान और दाम दोनों मिलेंगे। रोज नये नये संगठन खुलने पर भी जमकर कटाक्ष किया। नरेश टिकैत ने कहा कि आज बारूद के ढेर पर किसान है, खेती में आज कुछ बचत नहीं है। युवाओं के लिए पुलिस भर्ती ने एक उम्मीद जगाई थी, लेकिन चाट की दुकानों पर पांच-पांच रुपये में पेपर लीक हो गया। अग्निवीर भर्ती भी गलत है, चार साल में प्रशिक्षण भी नहीं हो पाता, वहां नौकरी पूरी हो रही है। ये युवाओं के साथ भद्दा मजाक है। युवा आज न खेती का रहा और न ही नौकरी का रहा।

उन्होंने श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में नहीं बुलाने की पीड़ा भी जाहिर करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने श्रीराम मंदिर का उद्घाटन किया, अच्छा लगा, हमें भी न्यौता आने की उम्मीद थी, हम भी रघुकुल के ही हैं, लेकिन हमें नहीं बुलाया गया। यह संगठन 1986 से चल रहा है। ईमानदारी ही इसकी ताकत हैं। गरीबों की मदद का संदेश दिया। अधिकारी के साथ मिलकर ठेका प्रथा न चलाओ। 26 और 27 फरवरी को किसान कौम का गद्दार ही अपने घरों पर रूकेगा, जो असली किसान है वो अपने ट्रैक्टरों पर यूनियन और देश का झंडा लगाकर दिल्ली की तरफ का रूख करेंगे। हाईवे पर ट्रैक्टर श्रृंखला बनेगी। हरिद्वार से दिल्ली तक किसान जुटेगा तो विश्व रिकाॅर्ड बनाया जायेगा। हाईवे का एक रास्ता खुला रहेगा। आज पूरी दुनिया का किसान साथ है। आंदोलन में सभी किसान हैं, धर्म और जाति अपने रिश्तों तक सीमित रखें। फ्री की आदत को हटाये सरकार, फ्री का गेहूं परिवारों में झगड़ा करा रहा है। यह गलत आदत लोगों को लगा दी है। मेहनत करना सीखो। पंजाब में 392 गन्ना मूल्य मिल रहा है। यूपी में 370 है। 22 रुपये का अंतर है। जब भारत एक है तो यह अंतर क्यों है?