नरेश टिकैत बोलेः 2027 के चुनाव में देख लेंगे इस भाजपा कू…

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मेरठ। मेरठ में भारतीय किसान यूनियन का धरना 11वें दिन भी जारी रहा। भाकियू पदाधिकारियों ने प्रशासन को तीन दिन का समय दिया है। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत का कहना है कि अब किसानों को एकजुट होना होगा। यदि प्रशासन बात नहीं सुनता तो विभिन्न स्थानों पर टोल फ्री कराए जाएंगे।

भारतीय किसान यूनियन का मेरठ के परतापुर थाने में धरना ग्यारहवें दिन भी जारी है। किसान कार्यकर्ता मोहिद्दीनपुर गन्ना समीति के चुनाव में धांधली के विरोध में थाने में धरना दे रहे हैं।

रविवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार बेईमान हो गई है। जहां देखो वहां चुनाव में धांधली कर रही है। कोई चुनाव ठीक प्रकार से नहीं हो रहा है। किसानों से किया वादा भी कोई पूरा नहीं किया गया है।

अब किसानों को एकजुट होना होगा और 2027 के विधानसभा चुनाव में सरकार को जवाब देना होगा। उन्होंने यह बातें परतापुर थाने में बाबा महेंद्र सिंह टिकैत की जयंती के मौके पर आयोजित भाकियू की पंचायत में कहीं।

मोहिउ्दीनपुर गन्ना समिति में चुनाव में धांधली होने पर भाकियू की ओर से परतापुर थाने में धरना दिया जा रहा है। रविवार को दसवें दिन भी धरना जारी रहा और यहीं पर पंचायत की गई। नरेश टिकैत ने हवन में आहुति देकर बाबा महेंद्र सिंह टिकैत को श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने धरना स्थल पर अनशन पर बैठे मवाना के किसान अरुण और विजयपाल घोपला का जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। वह पिछले 9 दिनों से भूख हड़ताल पर थे। नरेश ने कहा कि किसानों की जान सरकार से कहीं बढ़कर है। अपनी सेहत का ध्यान रखें और बातचीत से हल निकालें। अगर नहीं निकलता है तो वह खुद यहां बड़ा आंदोलन करेंगे।

पंचायत के दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार पर खूब तंज कसे। उन्होंने कहा कि सरकार को किसान की कोई कद्र नहीं है। 2014 में उन्होंने खुद मोदी सरकार को वोट दिया था, लेकिन ये नहीं मालूम था कि सरकार किसानों को ठगने का काम करेगी।

कहा कि किसानों से कोड़ियों के दाम पर हाईवे व अन्य विकास कार्यों के लिए जमीन ली जा रही है। दस साल पहले किसान 450 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने के दाम करने की मांग कर रहे थे, वो मांग आज तक पूरी नहीं हो सकी है। अब तक दाम 650 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए। पहले एक क्विंटल गेहूं में 2.5 हजार ईंट आ जाती थीं, आज एक हजार ईंट भी नहीं आतीं। उन्होंने थाने में चल रहे धरने को शांतिपूर्व चलाने की बात कही।

उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इसके लिए बड़ा आंदोलन करेंगे और वह खुद में इसमें शामिल होंगे। प्रबंध कमेटी जो भी निर्णय लेगी वह उन्हें स्वीकार होगा। नरेश टिकैत और जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व में एक कमेटी ने धरना स्थल पर मौजूद अपर जिलाधिकारी वित्त शौर्यकांत त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी शहर बृजेश सिंह, उप जिलाधिकारी सदर कमल किशोर, एएसपी अत्रिंक्ष जैन, सीओ एलआईयू पूनम आदि अधिकारियों से वार्ता की, लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकला।

मांगें नहीं मानीं तो टोल कराएंगे फ्री
धरनास्थल पर बात न बनने के बाद सुरेंद्र मेजर, सनी प्रधान, हर्ष चहल, बबलू गुर्जर, वीरेंद्र, सत्यवीर सिंह, हरिओम त्यागी आदि जिलाधिकारी दीपक मीणा से मिलने कलक्ट्रेट पहुंचे। यहां अधिकारियों की ओर से किसानों की मांगों को लेकर तीन दिन में निर्णय लेने का आश्वासन दिया। जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने बताया कि अगर तीन दिनों में निर्णय नहीं निकला तो भाकियू कार्यकर्ता जनपद के सभी टोल एक दिन के लिए फ्री करा देंगे।

500 से अधिक ट्रैक्टरों से पहुंचे किसान
परतापुर धरने में आयोजित पंचायत में मेरठ जिले के आसपास बागपत, मुजफ्फरनगर आदि जगहों से भी काफी संख्या में किसान पहुंचे। यहां गांवों से करीब 500 से अधिक ट्रैक्टरों में सवार होकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली रोड से होते हुए परतापुर थाने पहुंचे। इस कारण थाने के सामने भी जाम की स्थिति बनी रही। रोड पर ट्रैक्टर खड़ा होने के कारण आम जनता को भी परेशान होना पड़ा। दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक दिल्ली रोड पर यही हाल रहे।