भारत के खिलाफ चीन की खतरनाक साजिश, जानकर हिल जाएंगे आप

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भारत के खिलाफ चीन की चालबाजियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। ड्रैगन किसी न किसी तरह से भारत की मुश्किलें बढ़ाने की फिराक में लगा रहता है। इस बीच अब खुलासा हुआ है कि चीनी सेना भारतीय दूरसंचार कंपनियों , सरकारी एजेंसियों और रक्षा सेक्टर समेत अन्य सेक्टरों को अपना निशाना बना रही है।

यही नहीं बताया.यह भी गया है कि इन चीनी हमलों में एनटीपीसी के प्लांट्स भी शामिल थे। इस बात की जानकारी एक साइबर इंटेलिजेंस कंपनी ने साझा की है। चीन के इस साजिश के अमेरिकी रिपोर्ट में पुख्ता साक्ष्य भी मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का यह अभियान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक विशिष्ट इकाई से जुड़ा था। अमेरिका रक्षा मुख्यालय के तहत आने वाले रिकॉर्डेड फ्यूचर ने इस बात का खुलासा किया है।

रेडफॉक्सट्रोट के रूप में हुई पहचान
बताया गया है कि चीनी साइबर ने इस साल की शुरुआत में बिजली और बंदरगाह क्षेत्रों में भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निरंतर करने वाले सिस्टमों पर अपना निशाना बनाया हुआ था। बता दें कि मार्च में सामने आए इस यूनिट की पहचान रेडइको, जबकि नए समूह को रेडफॉक्सट्रोट कहा गया है।

सीमा विवाद के बाद शुरू हुई ये हरकत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते साल सीमा हुए विवाद के बाद जब भारतीय और चीनी सेनाएं आमने सामने थीं, तब चीन की ओर से यह हरकत शुरू की गई। गौरतलब है कि बीते साल इस महीने में चीनी सेना ने साजिश के तहत भारतीय सेना के जवानों पर हमला बोल दिया था, जिसमें करीब 20 भारतीय जवानों की शहादत हो गई, जबकि चीनी सेना को भी काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। हालांकि चीन की ओर से तब अपने मारे और घायल हुए जवानों के बारे में जानकारी साझा नहीं की गई थी।

सीमा पर दोनों सेनाओं के आमने सामने आने के बाद चीन ने इस हरकत को अंजाम देना शुरू किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिकॉर्डेड फ्यूचर की ओर से कहा गया है कि नेटवर्क ट्रैफिक के विश्लेषण, हमलावरों द्वारा उपयोग किए गए मैलवेयर के फूटप्रिंट, डोमेन रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड और संभावित लक्ष्यों से डेटा ट्रांसमिसिंग के आधार पर ये निष्कर्ष सामने आए। गौरतलब है कि साल 2015 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पुनर्गठन के बाद चीन की तरफ से साइबर हमले की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।