बड़ी खबर: अब पूरी तरह से बदलने वाला है आपका ड्राइविंग लाइसेंस, होंगे यह बदलाव

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नई दिल्ली। दिल्ली परिवहन विभाग (Transport Department) ने लोगों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार अब जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) के लिए क्यूआर कोड (QR Code) आधारित स्मार्ट कार्ड जारी करेगी. इस नए ड्राइविंग लाइसेंस में क्विक रिस्पांस कोड और नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) जैसी सुविधाओं के साथ उन्नत माइक्रोचिप होगी.

बदल जाएगा आपका ड्राइविंग लाइसेंस!
आपको बता दें कि इस नए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के फ्रन्ट में मालिक का नाम छपा होगा. वहीं, माइक्रोचिप और क्यूआर कोड कार्ड के पीछे एम्बेडेड किया होगा. गौरतलब है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने अक्टूबर 2018 में अधिसूचना जारी कर ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र में बदलाव का दिशा निर्देश जारी किया था.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लगभग उसी समय डिजिलॉकर्स और एम-परिवहन पर इलेक्ट्रॉनिक स्वरूपों में ड्राइविंग लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों को भी भौतिक दस्तावेजों के स्थान पर वैध बना दिया गया था और मूल दस्तावेजों के समान माना गया था. नए स्मार्ट कार्ड आधारित डीएल और आरसी में चिप आधारित/क्यूआर कोड आधारित पहचान प्रणाली होगी.

क्या खास है इस नए DL में?
डीएल कार्डों में पहले भी चिप लगी हुई थी, लेकिन चिप में की गई कोडित जानकारी को पढ़ने में दिक्कत होती थी. इसके साथ ही, दिल्ली यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के प्रवर्तन विंग दोनों के पास आवश्यक मात्रा में चिप रीडर मशीन उपलब्ध नहीं थी. ऐसे में, चिप्स को रीड कर पाना मुश्किल था. अब क्यूआर आधारित स्मार्ट कार्ड से ऐसी कोई दिक्कत नहीं होगी.

क्यूरआर के होंगे कई फायदे

QR आधारित नए स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण से संबंधित सभी जानकारी को वेब आधारित डेटाबेस- सारथी और वाहन के साथ जोड़ने और एकीकृत करने में मददगार साबित होगा. इसके अलावा, क्यूआर को देश भर में लागू किया जा रहा है. आपको बता दें क्यूआर कोड रीडर आसानी से प्राप्त करने के चलते कार्ड में स्टोर्ड जानकारी को आसानी से रीड किया जा सकता है. ये नए कार्ड पॉलीविनाइल क्लोराइड या पीवीसी या पॉली कार्बोनेट से बने होंगे जिसकी वजह से ये खराब नहीं होंगे. कार्ड का आकार 85.6 मिमी x 54.02 मिमी और मोटाई न्यूनतम 0.7 मिमी होगा.

जानिए कैसे काम करेगा नया डीएल?
क्यूआर कोड स्मार्ट कार्ड पर सुरक्षा दृष्टि से भी अच्छा है. चालक/मालिक का स्मार्ट कार्ड जब्त होते ही विभाग के वाहन डेटाबेस पर ऑटोमेटिकली डीएल धारक के जुर्माने से सम्बंधित और अन्य जानकारियां 10 साल तक एकत्रित रह सकेंगी. इतना ही नहीं, नए डीएल विकलांग ड्राइवरों के रिकॉर्ड, वाहनों में किए गए किसी भी संशोधन, उत्सर्जन मानकों और अंगदान करने के लिए व्यक्ति की घोषणा के रिकॉर्ड को बनाए रखने में भी सरकार की मदद करेंगे.