कैसे रुकेगा कोरोना का कहर? सरकार ने सीरम से ऑर्डर की आबादी की सिर्फ 4 फीसदी वैक्सीन

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देश में जारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर को कम करने के लिए जहां एक ओर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं सरकार वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के लिए भी कोशिशें कर रही है। हालांकि, इन कोशिशों में वैक्सीन की कमी एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। इस मामले से जानकार एक शख्स ने बताया कि सरकार ने पिछले साल दिसंबर से लेकर अभी तक सिर्फ 11 करोड़ वैक्सीन की डोज का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से ऑर्डर दिया है। यह संख्या भारत की कुल आबादी का सिर्फ चार फीसदी ही है। सीरम भारत में कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण कर रही है, जोकि दुनिया की बड़ी दवा निर्माता कंपनियों में से एक है।

देश में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड्स टूट गए हैं। भारत में बीते कई दिनों से रोजाना तीन लाख से ज्यादा कोविड के नए मामले मिल रहे हैं। एक दिन यह संख्या चार लाख के पार तक जा चुकी है। महामारी की शुरुआत के बाद से ही किसी भी देश में एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में कोविड के केस नहीं मिले थे। इन सबके बीच सरकार ने पिछले महीने एक मई से 18 साल से ऊपर की उम्र वाले युवाओं के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने की इजाजत भी दे दी थी। हालांकि, वैक्सीन समय से नहीं मिलने की वजह से कई राज्य सरकार बेहद की धीमी गति से इस उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन कर रही हैं।

केंद्र और राज्य सरकारें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से बड़ी संख्या में वैक्सीन की डिमांड कर रही हैं। सीरम देश में वैक्सीन सप्लाई का मुख्य सप्लायर है। हालांकि, सीरम एक महीने में सिर्फ छह से सात करोड़ तक की डोज बनाने में सक्षम है, जिसे जुलाई तक दस करोड़ डोज तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। वैक्सीन की कमी और 18 साल से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने की वजह से केंद्र और राज्य सरकारों में एक-दूसरे से भिड़ंत भी देखी गई है। इतना ही नहीं, हाल में सीरम के मुखिया अदार पूनावाला ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन्हें भारत के कई प्रमुख प्रभावशाली लोगों से धमकियां मिल रही हैं। वे अपनी बेटी और पत्नी के साथ ब्रिटेन भी चले गए।

फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में पूनावाला ने बताया कि देश में जुलाई तक वैक्सीन की कमी रहने की संभावना है। हालांकि, सीरम ने प्रोडक्शन की गति तेज जरूर की है। उन्होंने कहा, ”हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें एक साल में सौ करोड़ से अधिक डोज बनाने की जरूरत होगी।” हालांकि, सीरम इंस्टीट्यूट के प्रवक्ता ने कोविड वैक्सीन के ऑर्डर पर कोई बयान देने से इनकार कर दिया।