- इजरायल ने एक साथ तीन देशों पर किया हमला, बरसाईं मिसाइलें, दुनियाभर में बढा तनाव - April 20, 2024
- राजस्थान में 58 प्रतिशत मतदान, इस कम मतदान के मायने क्या है? - April 20, 2024
- पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा की बढी टेंशन! वोटिंग प्रतिशत ने किया हैरान - April 20, 2024
अररिया : जिलाधिकारी इनायत खान (IAS Inayat Khan) सिकटी प्रखंड के बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा ले रही थीं। इस दौरान सुंदरी मंदिर के सौंदर्यीकरण से जुड़े प्रोजेक्ट को भी देखा। भगवान शिव का जलाभिषेक भी किया। पुजारी सिंहेश्वर गिरि ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कराई। सुंदरी मंदिर के बारे में मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों को इसी इलाके में गुप्त वास मिला था, जो उस वक्त राजा बिराट के अधीन था। आज यही इलाका बिराटनगर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि माता कुंती ने यहां शिवलिंग की पूजा की थीं।
2012 बैच की IAS अफसर इनायत
देश के 113 जिलों में चल रहे ‘आकांक्षा’ योजना में शेखपुरा जिले में बेहतर काम हुआ था। इनायत खान की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं। अररिया की डीएम इनायत खान कड़क अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं। 2012 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं और 2011 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में 176वां रैंक लाई थीं। काम करने के तौर-तरीकों की वजह से किशोर लड़कियों की रोल मॉडल बन गई हैं।
इंजीनियर से आईएएस तक की सफर
इनायत खान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के ताजनगरी आगरा की रहने वाली हैं। शुरुआती शिक्षा के बाद आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने बीटेक की डिग्री हासिल कीं। बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन से पूरा करने के बाद एक सॉफ्टवेयर कंपनी से जुड़ीं, लेकिन इनायत ने सिविल सेवा के देखे सपने को पूरा करने के लिए सॉफ्टवेयर कंपनी की नौकरी एक साल के भीतर ही छोड़ दी। आईएएस की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं। 2007 में उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। सॉफ्टवेयर कंपनी में एक साल के करीब नौकरी करने के बाद मन नहीं लगा। 2009 में पहली बार यूपीएससी का एग्जाम दिया। पहली बार में इंटरव्यू तक पहुंचीं मगर फाइनल रिजल्ट नहीं आया। इसके बाद इनायत खान का चयन ग्रामीण बैंक में हुआ, लेकिन वो मानने वाली नहीं थीं। आईएएस बनने के लिए इनायत ने दिल्ली के मुखर्जीनगर को ठिकाना बनाया। गांधी विहार में एक कमरा लेकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गई और 2011 में सिविल सेवा की परीक्षा में शामिल हुई, जिसमें उन्हें 176वां रैंक आया।
डीएम के तौर पर पहली पोस्टिंग शेखपुरा
इनायत खान की पहली पोस्टिंग पटना जिले में हुई। असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में पोस्टिंग के बाद राजगीर में एसडीओ के पद पर रहीं। राजगीर के बाद भोजपुर जिले में भी डीडीसी के पद पर तैनाती रही। भोजपुर में उनकी छवि कड़क अफसर के तौर पर थी। उन्होंने सभी प्रखंड मुख्यालयों में सीसीटीवी कैमरा लगवाया और सरकारी कर्मचारियों की हाजिरी बॉयोमेट्रिक्स से किए जाने को जरूरी करार दिया। पंडारक, राजगीर, भोजपुर के बाद शेखपुरा में पहली बार डीएम बनीं। जहां उन्होंने केन्द्र सरकार की आकांक्षा योजना के तहत चयनित शेखपुरा जिले में इस कदर काम किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके कामों के मुरीद हो गए।
इसी साल प्रधानमंत्री मोदी ने की थी तारीफ
दरअसल, शेखपुरा जिले को भारत सरकार की ओर से 113 प्रेरणादायक जिलों में चुना गया था। इनायत खान ने कड़ी मेहनत की जो इस बात से जाहिर होता है कि उनका जिला इन 113 जिलों में 5वें स्थान पर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जनवरी 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनसे बातचीत की और उनके प्रयास की सराहना की। पहले इनायत पर्यटन विभाग में संयुक्त सचिव के अलावे बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के अतिरिक्त प्रभार में भी रह चुकी हैं।
खुद अररिया की डीएम, पति किशनगंज के एसपी
आईएएस अधिकारी इनायत खान ने पुलवामा हमले में शहीद रतन ठाकुर और संजय कुमार की बेटियों को गोद लिया। इसके अलावा दो दिन का वेतन शहीदों को दिया। साथ ही उन्होंने अपने जिले में तैनात सभी अधिकारियों को एक दिन का वेतन दान देने के लिए प्रोत्साहित किया। इनायत खान की शादी 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी इनामुल हक मेंगनू से हुई है। उनके पति पहले असम-मेघालय कैडर के थे। लेकिन इनायत खान से शादी के बाद उन्होंने भारत सरकार से कैडर ट्रांसफर का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। अब वो भी बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। उनकी पोस्टिंग अररिया से सटे किशनगंज जिले में एसपी के रूप में है।