जानिए वो घटना जबसे बढ़ने लगीं लालू यादव और तेजस्वी- तेज प्रताप में दूरियां

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पटना। बिहार में कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए आरजेडी के 20 स्टार प्रचारकों की सूची से अपना नाम गायब होने पर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ने मोर्चा खोल दिया है। तेज प्रताप यादव ने मां राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती के सहारे हमला बोला है। तेज प्रताप ने कहा कि मेरा नाम रहता ना रहता मां और दीदी का नाम रहना चाहिए था… इस गलती के लिए बिहार की महिलाएं कभी माफ नहीं करेगीं।

दरअसल ये तेज प्रताप यादव का पहले से भरा हुआ गुस्सा और दर्द है, इसकी शुरुआत तो अगस्त में ही हो गई थी, जब तेज प्रताप यादव पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ-साथ पिता लालू प्रसाद यादव और छोटे भाई तेजस्वी यादव को भी निशाने पर लेने से नहीं हिचके थे। आइए जानते हैं पूरा मामला

आकाश यादव को लेकर शुरू हुई थी तेज प्रताप की बगावत
अगस्त में तेज प्रताप यादव ने छात्र आरजेडी के अध्यक्ष पद पर आकाश यादव को नियुक्त कर दिया था। कहा जाता है कि तेज प्रताप ने आकाश को नियुक्त करते समय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और तेजस्वी यादव से बात नहीं की थी। इसके बाद जगदानंद सिंह ने छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव को तत्काल हटाकर नए छात्र नेता गगन कुमार को छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया। यहीं से तेज प्रताप यादव ने पार्टी अध्यक्ष जगदानंद सिंह सहित तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

तेज प्रताप ने तब सवाल किया था, “किसी को पार्टी से हटाने से पहले आपने शोकाउज नोटिस क्यों नहीं भेजा। पार्टी और नियम के विरुद्ध जाकर प्रदेश अध्यक्ष ने यह कार्रवाई की है। बिना नियम कानून जाने कोई प्रदेश अध्यक्ष थोड़े ही बन जाता है।”

जगदानंद सिंह और तेजस्वी के खिलाफ खोल दिया था मोर्चा
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के तेजस्वी यादव से अच्छे संबंध हैं और उन्हें लालू यादव के करीबियों में गिना जाता हैं। वहीं आकाश को तेज प्रताप का करीबी माना जाता था। आकाश पार्टी के उन सारे कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते जिसमें तेज प्रताप यादव की दिलचस्पी होती। उदाहरण के तौर पर लॉकडाउन के दौरान लालू किचन खोलने का आइडिया हो या केंद्र सरकार के खिलाफ पटना में होने वाले आंदोलन हो। सभी मौकों पर तेज प्रताप यादव को खुश करने के लिए आकाश सारे इंतजाम करते। तेजप्रताप यादव की सभाओं में युवाओं की भीड़ जुटाते। ऐसे में जब जगदानंद सिंह ने आकाश को हटाया तो तेज प्रताप को बहुत बुरा लगा। उन्होंने इस जगदानंद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला तो जगदानंद सिंह ने भी उन्हें उनकी ‘औकात’ बता दी थी।

जगदानंद सिंह ने सवाल कर दिया था- “कौन तेज प्रताप, होते कौन हैं तेज प्रताप, जो वह उनसे सलाह करें, क्योंकि वह पार्टी के मात्र एक विधायक हैं।”

इस घटना क्रम के बीच जब तेज प्रताप यादव अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से मिलने के लिए आवास पर पहुंचे तो तेजस्वी से नहीं मिल सके थे। इसके बाद तेज प्रताप ने कहा कि उन्हें अपने छोटे भाई से मिलने नहीं दिया गया। जब हम तेजस्वी यादव से मिल रहे थे, उसी दौरान संजय यादव (तेजस्वी के सलाहकार) ने हमें मिलने से रोका और बीच में आकर रुकावट पैदा की। वो हम दोनों भाइयों को मिलने से रोकने वाला कौन होता है?” तेजस्वी यादव ने भी भाई को संदेश देते हुए बयान दिया था कि पार्टी में चाहे कोई भी हो, उसे अनुशासन में रहना होगा।

तेजप्रताप ने तेजस्वी पर लगाया था पिता को बंधक बनाने का इशारों में आरोप
ये तो तेज प्रताप का गुस्सा ही था जिसके चलते हाल ही में तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी पर पिता लालू यादव को दिल्ली में बंधक बनाने तक का आरोप लगा दिया था। तेज प्रताप ने कहा था कि RJD में कुछ लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं, तैयारी में जुटे है, यहां तक कि मेरे पिताजी को दिल्ली में बंधक बनाए रखे हुए हैं। उनको जेल से निकले हुए महीनों बीत गया है, लेकिन उनको पटना आने नहीं दे रहे हैं।