अमेरिका में एक ही जगह खड़े हैं 4 हजार से अधिक विमान, आखिर क्या है माजरा?

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वॉशिंगटन। अमेरिका के एरिजोना के रेगिस्तान में विमानों की सबसे बड़ी पॉर्किंग बनी हुई है। 2600 एकड़ में फैले इस इलाके में 4400 से अधिक हवाई जहाज और अंतरिक्ष यानों को रखा गया है। बोनयार्ड के नाम से मशहूर इस जगह को विमानों के कब्रिस्तान के रूप में जाना जाता है। बोनयार्ड में कई तरह के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से लेकर बॉम्बर, लड़ाकू विमान, यूएवी को रखा गया है। इस जगह पर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान के भी कई विमानों को रखा गया है।

विमानों की मरम्मत और पूर्जों को निकालते हैं कर्मचारी
डेविस मॉनथन एयरफोर्स बेस पर खड़े इन विमानों की देखरेख का जिम्मा अमेरिकी वायु सेना के 309वां एयरोस्पेस मेंटेनेंस एंड रीजनरेशन ग्रुप के ऊपर है। यह ग्रुप बोनयार्ड में खड़े विमानों की मरम्मत कर कुछ को फिर से उड़ान भरने के काबिल बनाता है। बाकी विमानों के स्पेयर-पॉर्ट्स को निकालकर उन्हें पूरी दुनिया में सप्लाई किया जाता है। इन स्पेयर-पॉर्ट्स का इस्तेमाल दूसरे विमानों में किया जाता है।

800 मैकेनिक दिन-रात करते हैं काम
इस एयरबेस के कमांडर कर्नल जेनिफर बरनार्ड ने कहा कि यहां आठ सौ मैकेनिक दिन-रात काम करते रहते हैं। वे पुराने विमानों से फिर से इस्तेमाल के योग्य पार्ट्स को निकालकर उन्हें काम करने के लायक बनाते हैं। कर्नल बरनार्ड ने यूएस एयर फोर्स एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस ऑफिसर के रूप में 25 वर्षों की सेवा की है। वर्तमान में वह इस एयरबेस के कमांडर और ऑपरेशन इंचार्ज हैं।

35 बिलियन डॉलर है इस ‘कबाड़खाने’ की कीमत
कर्नल जेनिफर बरनार्ड ने बताया कि इस एयरबेस पर खड़े विमानों की कुल कीमत लगभग 34 बिलियन डॉलर से 35 बिलियन डॉलर के बीच है। उन्होंने बताया कि इस एयरबेस की शुरुआत 1946 में हुई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सेना को पुराने विमानों को रखने के लिए जगह की जरूरत थी। उन्होंने एरिजोना के टक्सन में डेविस-मॉनथन एयरफोर्स बेस को चुना। लगभग 2000 फुटबॉल मैदान में बने इस एयरबेस में हजारों विमानों को रखने की जगह है।

विमानों को रखने के लिए इसी जगह को क्यों चुना गया?
बताया जाता है कि इस जगह पर विमानों को खड़ा करने के लिए एकदम सही मौसम है। यहां गर्मी तो है, हल्की बारिश भी होती है, लेकिन हवा में नमी और मिट्टी नहीं है। इस कारण विमानों में जंग लगने का खतरा नहीं होता है। दूसरी बात कि इस एयरबेस पर जगह की कोई कमी नहीं है। इससे नए-नए विमानों को आने पर उन्हें पार्किंग के लिए पूरा जगह मिल जाती है। यह इलाका कंक्रीट जितना सख्त है, ऐसे में बारिश होने पर भी उनके जमीन में धंसने का कोई खतरा नहीं होता है।

80 तरह के विमान और हेलिकॉप्टर हैं पार्क
कर्नल बरनार्ड ने कहा कि इस एयरबेस पर लगभग 80 तरह के विमान और हेलिकॉप्टर हैं। इनमें ज्यादातर सैन्य विमान हैं, जो वायु सेना, नौसेना, सेना और मरीन से रिटॉयर होने के बाद आते हैं। उन्होंने बताया कि यहां एलसी-130 विमान भी हैं, जिनको अंटार्कटिका में उतारने योग्य बनाने के लिए पहियों के नीचे स्की लगाए गए हैं। यहां पर नासा के भी कई विमानों को रखा गया है।