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India on Ukraine crisis: भारत ने कहा है कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध (Russia-Ukraine War) को खत्म करने के लिए कूटनीति और बातचीत को ही एकमात्र रास्ता बताया है. भारत सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि खून बहाकर इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है. इसके साथ ही यूक्रेन के मानवीय संकट पर एक बार फिर चिंता जताते हुए इस तनाव के खात्मे का स्थायी रास्ता निकालने के पुराने रुख को दोहराया गया है.
युद्ध अपराधों पर चर्चा
रूस ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद की बैठक की मेजबानी की जिसमें यूक्रेन की सेना और मिलिशिया द्वारा कथित तौर पर अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के गंभीर उल्लंघनों के अलावा उनके द्वारा किए गए अन्य युद्ध अपराधों (War Crime) को लेकर चर्चा की गयी.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा, ‘भारत मानता है कि खून बहाकर और निर्दोष लोगों के जीवन की कीमत पर इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है. हमने इस युद्ध की शुरुआत से ही इस बात पर जोर दिया है कि कूटनीति और बातचीत का रास्ता ही एकमात्र व्यावहारिक विकल्प होना चाहिए.’
आम नागरिकों की हत्या की निंदा
माथुर ने कहा कि भारत, बुका में आम नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा करता है और इसकी स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करता है. इसके अलावा भारत यूक्रेन के लोगों की तकलीफों को कम करने के सभी प्रयासों का समर्थन करता है. उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई विजयी नहीं होगा और इससे प्रभावित सभी लोग पीड़ित होते रहेंगे और अंतत: भिन्न देशों के कूटनीतिक संबंध प्रभावित होंगे.’
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर ने कहा कि भारत इस बात पर अपनी सहमति व्यक्त करता है कि हिंसाग्रस्त इलाकों से आम नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और यह सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र और इससे बाहर के सभी मंचों पर इस युद्ध को समाप्त करने के प्रयास करने चाहिए.