गणतंत्र दिवस पर बिपिन रावत को श्रद्धाजंलि या चुनाव साधने की कोशिश, PM मोदी ने सिर पर क्‍यों सजाई टोपी?

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय कार्यक्रम हो या फिर कोई चुनावी संबोधन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अलग अंदाज में नजर आते हैं। उनके कपड़ों में मेसेज भी छिपा होता है। बुधवार को गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी की पहली झलक ने हैरान किया। उनके सिर पर काले रंग की उत्तराखंडी टोपी थी। इसके साथ ही वह गले में चेक वाला मणिपुरी स्टॉल पहने हुए थे। गणतंत्र दिवस जैसे खास मौके पर पीएम मोदी के इस पहनावे में कई संकेत निकल रहे हैं।

पीएम के इस लुक को दोनों पहाड़ी राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। उत्तराखंड, मणिपुर सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के सिर पर ब्रह्म निशान वाली काले रंग की उत्तराखंडी टोपी को चुनाव के साथ ही दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देने के तौर पर भी देखा जा रहा है। बिपिन रावत पीएम मोदी के काफी करीब माने जाते थे। उनका देश को हिला देने वाले हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया था।

बिपिन रावत भी उत्तराखंड से आते थे। पहाड़ में अपनी जड़ों से जुड़े रावत को उत्तराखंड की अपनी पहाड़ी टोपी खासतौर पर पसंद थी। निजी कार्यक्रमों में वह उत्तराखंडी टोपी पहने नजर आते थे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ एक कार्यक्रम में वह उसे पहने हुए नजर आए थे। माना जा रहा है पीएम मोदी ने देश के इस सबसे बड़े योद्धा को श्रद्धांजलि देने के लिए यह टोपी पहनी है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शहीद रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

उत्तराखंड में चीन सीमा के पास आईटीबीपी के जवानों ने 14 हजार फीट की ऊंचाई पर माइनस 30 डिग्री तापमान में झंडारोहण किया। बर्फीली हवाओं के बीच भारत माता की जय के नारे लगाए गए।

हिमाचल प्रदेश में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर पहाड़ों पर बर्फ के बीच एक हाथ में बंदूक और दूसरे नें तिरंगा थामे जवानों ने गणतंत्र दिवस मनाया।

उत्तराखंड के कुमाऊं में बर्फीली चोटी पर तिरंगे को सलामी के साथ ही जन-गण-मन के गायन से जवानों का जोश हाई नजर आया।

चीन सीमा पर इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस के जवानों ने हाथ में तिरंगा लेकर फ्लैग मार्च किया। रुह कंपा देने वाली ठंडी में जवानों ने जोश-खरोश के साथ गणतंत्र दिवस मनाया।

लेकिन मौसम चुनावी है, तो पीएम के इस लुक को इससे भी कनेक्शन जोड़ा जा रहा है। उत्तराखंड में भी चुनाव हैं। 14 फरवरी को सभी 70 सीटों पर वोट डाले जाने हैं। ऐसे में यह टोपी उत्तराखंड की जनता से पीएम मोदी का इमोशनल कनेक्ट भी माना जा रहा है। सियायत में ऐसी छोटी-छोटी बातों को बड़ा महत्व होता है। ऐसे में चुनाव के बीच पीएम मोदी का उत्तराखंडी टोपी पहनना बीजेपी के लिए बूस्टर बन सकता है।

गले में चुनावी राज्य मणिपुर का भी स्टॉल
उत्तराखंडी टोपी के साथ पीएम मोदी ने गले में मणिपुरी स्टॉल भी पहना हुआ था। मणिपुर में भी दो चरणों में विधानसभा चुनाव हैं। पहले चरण की वोटिंग 27 फरवरी और दूसरे चरण की वोटिंग 3 मार्च को है। यहां बीजेपी के नेतृत्व वाली एन बीरेन सिंह सरकार की अग्निपरीक्षा है। ऐसे में पीएम मोदी के मणिपुरी गमछा पहनने के पीछे भी सियासी संकेत छिपे माने जा रहे हैं।

नया लुक देने वाले ने बताई उत्तराखंडी टोपी की खासियत
उत्तराखंडी टोपी को यह नया लुक देने वाले सोहम हिमालयन सेंटर के समीर शुक्ला पीएम मोदी के गणतंत्र दिवस पर उसे पहनने से बहुत खुश है। उन्होंने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम के साथ खास बातचीत में कहा कि उत्तराखंड के इस शीश वस्त्र को पहन पीएम ने पूरे पहाड़ी राज्य को सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि 2017 में हम इस टोपी में यह छोड़ा सा बदलाव लेकर आए थे। 2017 में हमने सपना देखा था कि एक टोपी हो, जो ट्रेंडी हो और यूथ के बीच भी लोकप्रिय हो। पारंपरिक टोपी में थोड़ा नयापन जोड़ा गया। इसमें ब्रह्म कमल लगाया गया। ऐसा इसलिए किया गया कि यह उत्तराखंड का राज्य पुष्प है। उन्होंने कहा कि टोपी पर एक पट्टी जोड़ी गई, जिस पर चार रंग है। ये रंग जीव, प्रकृति, जमीन, आसमान इससे मिलकर बने हिमालयी राज्य के प्रतीक हैं। समीर के मुताबिक उनकी यह टोपी काफी पसंद की जा रही है। विदेशों में रह रहे प्रवासी भी इसकी मांग करते हैं।

उत्तराखंड में चीन सीमा के पास आईटीबीपी के जवानों ने 14 हजार फीट की ऊंचाई पर माइनस 30 डिग्री तापमान में झंडारोहण किया। बर्फीली हवाओं के बीच भारत माता की जय के नारे लगाए गए।