बुरे वक्त में ऐसे लोगों से कभी न लें मदद, वरना जिंदगी भर रहेगा पछतावा

Never take help from such people in bad times, otherwise you will regret for life
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बुरे समय में दूसरों की सहायता करना इंसानियत कहलाता है, इंसानियत वो है जो बुरे वक्त में भी दुश्मन को पानी पिलाने में सहायता से कभी मना नहीं करती। आचार्य चाणक्य के मुताबिक व्यक्ति को वक्त, हालात, धर्म को ध्यान में रखकर कोई भी फैसला लेना चाहिए। साथ ही मुसीबत के समय कभी भी ऐसे लोगों की सहायता नहीं लेनी चाहिए जिन्हें दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है।

गलती से भी इन लोगों से सहायता न मांगें
संकट में पड़े लोगों से कभी सहायता न लें, जिन्हें दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक, अच्छाई का मुखौटा कौन पहनता है। मगर वही लोग किसी की पीठ में छुरा घोंपने से भी नहीं हिचकिचाते। जलन की भावना रखने वाला व्यक्ति न स्वयं उन्नति करता है और न दूसरों को उन्नति करने देता है। आचार्य बताते हैं कि बुरे वक्त में भी ऐसे व्यक्ति की तरफ हाथ मत बढ़ाइए जो आपसे ईर्ष्या करता हो। जो शख्स केवल अपने हित के बारे में सोचता है, जो हमेशा यह सोचता है कि वह अपना भला कैसे करेगा, उसे ऐसे लोगों से कभी सहायता नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि ऐसे लोग स्वार्थ के लिए आपका साथ देते हैं, मगर पता नहीं कब उन्हें अपने स्वार्थ का एहसास हो जाए।