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पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार मंगलवार को होगा। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का मंत्री बनना लगभग तय है। वहीं जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का नाम नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल होने वाले विधायकों की लिस्ट से कट गया। उपेंद्र कुशवाहा मंत्री नहीं बनेंगे। वे पटना से दिल्ली पहुंच गए हैं।
महागठबंधन सरकार में आरजेडी का दबदबा
भले ही सात दलों वाले महागठबंधन की सरकार का नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे हैं। मगर इसमें लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का दबदबा रहने वाला है। विधानसभा में आरजेडी विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है, इसलिए पार्टी से सर्वाधिक 17 मंत्री बनेंगे। लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। अब उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का भी मंत्रिमंडल में आना लगभग तय हो गया है। शपथग्रहण समारोह से कुछ देर पहले स्थिति पूरी साफ हो जाएगी।
तेज प्रताप पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। तब उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी संभाली थी। इस बार भी उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया जा सकता है। आरजेडी के पास सबसे ज्यादा विभाग होंगे। साथ ही विधानसभा स्पीकर का पद भी पार्टी को ही मिलना है। अवध बिहारी चौधरी स्पीकर हो सकते हैं।
जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि पार्टी में कुशवाहा जाति के नेताओं ने उपेंद्र के मंत्री बनाए जाने पर नाराजगी जताई। इसके बाद उनका नाम लिस्ट से काट दिया गया। सूत्रों के मुताबिक इससे नाराज होकर उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली पहुंच गए हैं। वे मंत्रियों के शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे। हालांकि मीडिया में दिए बयान में उन्होंने कहा कि वे किसी भी बात को लेकर नाराज नहीं हैं। उन्हें पार्टी में जो जिम्मेदारी मिली हुई है, उससे खुश हैं।