ना माफी और ना अपील… क्या मोदी सरकार की मुश्किल बढ़ाने वाले हैं राहुल गांधी?

No apology and no appeal... Is Rahul Gandhi going to increase the difficulties of the Modi government?
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Rahul Gandhi Next Plan: 23 मार्च को राहुल गांधी के खिलाफ गुजरात में सूरत की कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सप्ताह भर बीत चुके हैं पर राहुल गांधी की ओर से आगे की अदालतों में कोई अपील नहीं की गई है, जबकि कोर्ट ने अपील के लिए 30 दिन का समय दिया था. कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि दरअसल राहुल गांधी के खिलाफ जो 150 से अधिक पेज का फैसला आया है, वो गुजराती भाषा में है और उसके ट्रांसलेशन में समय लग रहा है. लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस रणनीति के तहत अपील करने में देरी कर सकती है. कुछ जानकारों का तो यह भी कहना है कि हो सकता है राहुल गांधी अपील करने के बजाय जेल जाना पसंद करें, ताकि उसका राजनीतिक फायदा आने वाले चुनावों में मिल सके. कर्नाटक के चुनावों का तो ऐलान भी हो चुका है.

माना जा रहा है कि राहुल गांधी रणनीति के तहत सेशन कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं भी कर सकते हैं या हो सकता है कि गिरफ्तार होने के बाद अपील करें. राहुल गांधी ऐसा क्यों करेंगे, ऐसे सवाल आपके मन में उठ रहे होंगे. आपको बता दें कि कर्नाटक में चुनावों का ऐलान हो चुका है. 23 मार्च को राहुल गांधी को 2 साल कैद की सजा सुनाई गई थी, जिसमें 30 दिन तक गिरफ्तारी से छूट मिली हुई है और उसकी मियाद 22 अप्रैल को पूरी होगी. 22 अप्रैल को ही राहुल गांधी को अपना आवास खाली करना होगा. मतलब पूरा एक महीना राहुल गांधी टीवी के हाॅट टाॅपिक रहने वाले हैं.

सोचिए, जब राहुल गांधी को गिरफ्तार किया जाएगा, तब टीवी और अन्य मीडिया में कितनी टीआरपी उनको मिलने वाली है. उधर, कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे और पुलिस उनको रोकने के लिए लाठी चार्ज से लेकर पानी की बौछार करेगी. इससे सरकार के खिलाफ कांग्रेस एक जनमानस बनाने की कोशिश करेगी, जिसका सीधा फायदा कर्नाटक चुनावों में कांग्रेस को मिल सकता है. बता दें कि कर्नाटक में 10 मई को मतदान होना है और 13 मई को मतगणना होनी है.

जाहिर है कि राहुल गांधी के जेल जाने की स्थिति में कांग्रेस को इसकी सहानुभूति मिल सकती है. वैसे भी राहुल गांधी जब कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा के समय पहुंचे थे, तो उन्हें भारी जनसमर्थन हासिल हुआ था. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी और पीएम मोदी राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा में मिले जनसमर्थन से घबरा गई है और इसलिए राहुल गांधी के खिलाफ जान बूझकर कार्रवाई की जा रही है. हालांकि बीजेपी इस बात से इनकार करती रही है. फिर भी कर्नाटक से जो भी सर्वे की खबरें आ रही हैं, उससे बीजेपी की टेंशन बढ़ने वाली ही है.

एक तो सर्वे में बीजेपी के खिलाफ रिपोर्ट आ रही है तो दूसरी ओर राहुल गांधी ने 22 अप्रैल को गिरफ्तारी दे दी तो हो सकता है कि कर्नाटक में कांग्रेस के लिए सहानुभूति लहर पैदा हो जाए और बीजेपी को वहां की सत्ता से बाहर होना पड़ जाए. यह राहुल गांधी की तात्कालिक जीत हो सकती है. कर्नाटक बड़ा राज्य है और वहां अगर कांग्रेस बीजेपी को हराने में सफल हो जाती है तो उसके बाद होने वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनावों में भी कांग्रेस दोहरी मजबूती से सामने आएगी और बीजेपी के सामने फिर मुश्किल खड़ी हो सकती है. उसके बाद तो फिर लोकसभा चुनाव होंगे, जिसमें भी बीजेपी के सामने तगड़ी चुनौती आ सकती है.

एक बात और है कि अगर ऐसा हुआ तो राहुल गांधी के लिए बहुत बड़ा रिस्क भी हो सकता है. राहुल गांधी 8 साल के लिए संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे और यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है. फिर चुनावों में राहुल गांधी प्रचार तो कर पाएंगे पर वे खुद चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और उसके बाद कांग्रेस को पीएम पद के लिए नए उम्मीदवार की तलाश करनी होगी. इसके लिए हो सकता है कि प्रियंका गांधी वाड्रा को राजी किया जाए या फिर किसी नए नेता पर सहमति बनाई जाए. जो भी अप्रैल का महीना जितना कांग्रेस के लिए खास होने वाला है, उतना ही बीजेपी के लिए. देखना यह है कि राजनीति के इस कशमकश में बीजेपी का पलड़ा भारी होता है या फिर कांग्रेस का.