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नई दिल्ली. चेन्नई वनडे में हार के साथ ही भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज को 1-2 से गंवा दी. चार साल में यह पहला मौका है जब भारतीय टीम अपने घर पर कोई द्विपक्षीय सीरीज हारी है. इससे पहले भी 2016 से चली आ रहे भारतीय टीम के जीत के अभियान को 2019 में ऑस्ट्रेलिया ने ही तोड़ा था.
रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम के पास इस मैच को जीतने का अच्छा मौक था लेकिन खराब रणनीति के चलते टीम इंडिया ने यह मैच गंवा दिया. कई ऐसे फैसले इस मैच में लिए गए जो समझ से परे थे. सबसे बड़ा फैसला सूर्यकुमार यादव के बैटिंग ऑर्डर से जुड़ा है. आमतौर पर वनडे सीरीज में नंबर-4 पर खेलने वाले सूर्यकुमार यादव को इस मैच में सातवें स्थान पर क्यों खिलाया गया इसकी वजह स्पष्ट नहीं है.
सूर्यकुमार यादव की जगह नंबर-4 पर केएल राहुल को भेजा गया. किस मानसिकता के साथ ऐसा किया गया यह समझ से परे है. अगर लेफ्ट और राइट हैंड का कॉम्बिनेशन बनाना इसकी वजह होता तो फिर अक्षर पटेल को नंबर-4 पर भेजा जाता. सूर्या पहले से ही दो गोल्डन डक के बाद मानसिक रूप से इतने मजबूत नहीं होंगे. उपर से नंबर-7 पर डिमोट करने से उन्हें खुद को सेटल करने में भी दिक्कत आई. लगातार तीसरे मैच में सूर्या शून्य पर आउट हो गए.
शुभमन गिल और रोहित शर्मा ने मिलकर भारत को सधी हुई शुरुआत दिलाई. दोनों ने साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 65 रन बनाए. इस दौरान रोहित के बैट से 17 गेंदों पर 30 रन आए. जबकि गिल ने 49 गेंदों पर 37 रन बनाए. रोहित रन बनाने की किस जल्दबाजी में थे यह समझ से परे है. सधी हुई बैटिंग करके भी मैच को बनाया जा सकता था.
रोहित के आउट होने के बाद विराट कोहली बैटिंग के लिए आए. मुश्किल पिच पर वो डटकर खेलते हुए नजर आए. उन्होंने 72 गेंदों का सामना कर 54 रन बनाए. हालांकि एश्टन एगर की गेंद पर एक खराब शॉट खेलकर वो आउट हो गए. केएल राहुल से उम्मीद थी कि वो जिम्मेदारी से खेलेंगे लेकिन वो भी 50 गेंदों पर 32 रन ही बना पाए
हार्दिक पंड्या ने मध्यक्रम में 40 गेंदों पर 40 रन बनाकर मुकाबले को अंत तक ले जाने का प्रयास जरूर किया लेकिन 44वें ओवर में वो एडम जाम्पा की गेंद पर स्टीव स्मिथ को कैच दे बैठे. यहां से भारत की हार लगभग तय हो गई थी. रवींद्र जडेजा ने अंत में कुछ शॉट जरूर लगाए लेकिन तबतक मैच हाथ से फिसल चुका था.
गेंदबाजी के दौरान भारतीय टीम ने 203 रन पर ही ऑस्ट्रेलिया के सात बल्लेबाजों को आउट कर दिया था. हम कंगारुओं की टेल को सस्ते में निपटाने से चूक गए. जिस तरह की स्थिति में भारत था हम ऑस्ट्रेलिया की टीम को 230 रन तक भी ऑलआउट कर सकते थे लेकिन गेंदबाज ऐसा नहीं कर पाए. सीन एबोर्ट ने 26 रन बना दिए जबकि स्टार्क और जाम्पा के बैट से भी 10-10 रन आए.